मशरूम की खेती कैसे होती है। Mushroom Farming in Hindi

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आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि मशरूम क्या होता है, मशरूम में किस प्रकार के पोषक तत्व में मिलते हैं, मशरूम की खेती कैसे की जाती है, मशरूम को हम कहां से खरीद सकते हैं, मशरूम की खेती की कितनी प्रकार की किस्में होती है, मशरूम की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु, मिट्टी तथा खाद की रिक्वायरमेंट क्या होती है।

तो अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगता है तो प्लीज इसे अपने दोस्तों तथा नजदीकी किसान भाइयों के साथ शेयर करे जिससे उनको भी हेल्प हो सके। तो चलिए आगे बढ़ते है।

Table of Contents

मशरूम क्या होता है | Mushrooms kya hota hai

मशरूम एक प्रकार का कवकीय पदार्थ है जिसका उपयोग हम खुराक के तौर पर कर सकते हैं मशरूम का उपयोग सब्जी, आचार तथा पकौड़े जैसी चीजों को बनाने में किया जाता है। मशरूम में प्रचुर मात्रा में विटामिन फाइबर तथा मिनरल्स जैसे अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। मशरूम फैट-फ्री, लो सोडियम, लो कैलोरी और कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है।

भारत में मशरूम विभिन्न राज्य में पाए जाते हैं और इनकी खेती भी की जाती है यह विभिन्न प्रकार के रंग, आकार तथा प्रकार में पाए जाते है। मशरूम को भारत में खुम्भ, खुम्भी, भमोड़ी गुच्छी और कुकुरमुत्ता के नाम से भी जाना जाता है।

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मशरूम की किस्म | Types of Mushroom

पिछले पीछे बीते कई सालों में मशरूम की डिमांड देश-विदेश में काफी बड़ी है ऐसे में इस बढ़ी हुई डिमांड को पूरी करने के लिए विभिन्न प्रकार के मशरूम को को उगाया जाता है और भारत के कई राज्यों में विभिन्न प्रकार के मशरूम की खेती की जाती है।

तो चलिए संछेप में विविभिन्न प्रकार के मशरुम की किस्म के बारे में जानते है।

  • बटन मशरूम (Button Mushroom)
  • ढिंगरी मशरूम (Oyster Mushroom)
  • दूधिया मशरूम (Milky Mushroom)
  • पैडीस्ट्रा मशरूम (Paddy Straw Mushroom)
  • शिटाके मशरूम (Shiitake Mushroom)

बटन मशरूम (Button Mushroom)

यह मशरूम आकार में गोल बटन की तरह दिखने के कारण इसे बटन मशरूम कहा जाता है। यह मशरूम एकदम सफेद कलर में होता है।

बटन मशरुम (Button Mushroom)

यह मशरूम के लिए ठंडी जलवायु काफी बेहतर मानी जाती है यह मशरूम की खेती 22 से 25 डिग्री सेल्सियस के तापमान में की जाती है वहीं से 80 से 85% नमी की जरूरत होती है।

इस मशरूम की खेती अक्टूबर से मार्च के महीने में की जाती है इन महीनों में इस मशरूम की दो उपज ली जा सकती है।

वहीं इस बटन मशरूम की अगर लागत और मुनाफा की बात करें तो इस बटन मशरूम की खेती में 4 से 5 क्विंटल कंपोस्ट बनाने में लगभग 50000 की लागत आएगी।

प्रति क्विंटल हमें डेढ़ से दो किलोग्राम बीज लगेंगे। वही अगर मुनाफे की बात करे तो 50000 की लागत में हमें एक से दो लाख तक का मुनाफा हो जाता है।

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ढिंगरी मशरूम (Oyster Mushroom)

ढींगरी मशरूम की खेती सर्दियों के मौसम में की जाती है इस मशरूम की खेती हम साल में काफी बार कर सकते हैं इस मशरूम को 25 से 30 डिग्री सेल्सियस का तापमान की जरूरत होती है बीज को अंकुरित होने में वही इस मशरूम की खेती के लिए हवामान में नमी की आवश्यकता 80 से 90% जितनी होनी चाहिए। इसकी फसल 3 महीने में तैयार हो जाती है।

ढिंगरी मशरूम (Oyster Mushroom)

ढींगरी मशरूम की खेती में 25,000 से 30,000 की लागत लगाकर हम लगभग दोगुना फायदा कमा सकते हैं। इस मशरूम की कीमत इसकी गुणवत्ता पर निर्भर करता है फिर फिर भी इस की मार्केट कीमत 120 से ₹1000 तक बदलती रहती है।

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दूधिया मशरूम (Milky Mushroom)

इस मशरूम का नाम इसके रंग के एकदम सफेद हो जाने के कारण इसको दूधिया मशरूम कहा जाता है। दूधिया मशरूम की खेती हम थोड़े गर्म वातावरण में भी कर सकते हैं इस मशरूम की खेती के लिए हमें वातावरण का तापमान 25 से 40 डिग्री सेल्सियस तक चलता है वही इस मशरूम की खेती के लिए हवामान की हवामान में नमी की आवश्यकता 80 से 90% जितनी होती है।

दूधिया मशरूम (Milky Mushroom)

इस मशरूम के लागत और मुनाफे की बात करें तो इस मशरूम की उत्पादन लागत 20 से 25 रुपये प्रति किलोग्राम पड़ती है वहीं अगर इसकी मार्केट वैल्यू की बात करें तो इसकी बाजारी कीमत 100 से 200 रूपये जितनी होती है।

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पैडीस्ट्रा मशरूम (Paddy Straw Mushroom)

इस मशरूम का आकार स्ट्रॉ की तरह दिखने के कारण से इसे पैड़ीस्ट्रा मशरूम कहा जाता है यह मशरूम गर्म वातावरण में काफी तेजी से बढ़ता है इस मशरूम की खेती के लिए अनुकूल वातावरण की बात करें तो 28 से 35 डिग्री का तापमान की जरूरत होती है

पैडीस्ट्रा मशरूम (Paddy Straw Mushroom)

वहीं अगर हवामान की नमी की बात करें तो वह 70% की नमी हमें जरूरत होती है इस मशरूम की फसल 25 से 35 दिन में तैयार हो जाती है वहीं इसकी खेती मई से सितंबर तक के महीनों में की जा सकती है

पैडीस्ट्रा मशरूम की लागत और मुनाफे की बात करें तो 100 किलोग्राम के भूसे से हम लगभग 12 से 15 किलोग्राम जितनी में पैड़ीस्ट्रॉ मशरूम तैयार कर सकते हैं और पैड़ीस्ट्रॉ मशरूम की बाजारी कीमत की बात करें तो वह लगभग 360 से 400 रुपये किलो जितनी होती है।

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शिटाके मशरूम (Shiitake Mushroom)

शिटाके मशरूम का उत्पादन देश विदेश में काफी ज्यादा होता है इस मशरूम के फसल के लिए अनुकूल वातावरण की बात करें तो इस मशरूम के लिए सर्दी का दिन काफी अनुकूल होते हैं इससे मसरूम की लिए अनुकूल तापमान की बात करें तो वह 22 से 25 डिग्री सेल्सियस का होता है।

शिटाके मशरूम (Shiitake Mushroom)

वही इस मशरूम के अगर लागत और मुनाफे की बात करें तो इस मशरूम का प्रति किलोग्राम 10 से ₹15 लागत लगता है वही शिटाके मशरूम की कीमत 2000 से लेकर ₹5000 प्रति किलोग्राम तक होती है। जिसके कारन काफी ज्यादा मुनाफा देखने को मिल सकता है।

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भारत में मशरूम की खेती कहां होती है

भारत में सबसे ज्यादा मशरूम की खेती ओडिशा में की जाती है लेकिन पीछे बीते कुछ सालों में बिहार ने सबसे ज्यादा मशरूम का उत्पादन किया है और ओडिशा को नंबर वन के दर्जे से पीछे कर दिया है तो अभी भारत में नंबर वन पर उत्पादक राज्य बिहार है।

बिहार के समस्तीपुर में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद विश्वविद्यालय की तरफ से किसान को मशरूम के विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाता है इस ट्रेनिंग संस्थान के द्वारा किसानों को मशरूम की खेती के लिए ट्रेनिंग दी जाती है इसके लिए समय-समय पर विश्वविद्यालय की ओर से ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजन किया जाता है।

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मशरूम के बीज कहां से खरीदें

मशरूम के बीज आप आपके नजदीकी सरकारी कृषि केंद्रों में से भी प्राप्त कर सकते हैं उदाहरण के तौर पर अगर आप हरियाणा से है तो इस पते गांव तल्हेड़ी, पेहोवा करुक्षेत्र – 136128 हरयाणा भारत पर जाकर सीधे मशरूम का बीज प्राप्त कर सकते हैं।

  • खुम्ब अनुसंधान निदेशालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश
  • डॉ यशवंत सिंह परमार बागवानी व वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन (हिमाचल प्रदेश)
  • पादप रोग विज्ञान विभाग, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार (हरियाणा)
  • बागवानी निदेशालय, मशरूम स्पॉन प्रयोगशाला, कोहिमा, कृषि विभाग, मणिपुर
  • इम्फाल, सरकारी स्पॉन उत्पादन प्रयोगशाला, बागवानी परिसर, चाउनी कलां, होशियारपुर (पंजाब)
  • विज्ञान समिति, उदयपुर (राजस्थान)
  • क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला, सीएसआईआर, श्रीनगर (जम्मू एवं कश्मीर)
  • कृषि विभाग, लालमंडी, श्रीनगर (जम्मू एवं कश्मीर) पादप रोग विज्ञान विभाग
  • जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर (मध्य प्रदेश)
  • पादप रोग विज्ञान विभाग, असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहट (असम)
  • क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केन्द्र, धौलाकुआं (हिमाचल प्रदेश)
  • हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय स्पॉन प्रयोगशाला, पालमपुर (हिमाचल प्रदेश)

इन सरकारी स्पॉन उत्पादन केन्द्रों के अलावा बहुत से निजी व्यक्ति भी मशरूम बीज उत्पादन से जुड़े हैं जो सोलन, हिसार, सोनीपत, कुरूक्षेत्र (हरियाणा), दिल्ली, पटना (बिहार), मुम्बई (महाराष्ट्र) इत्यादि जगहों पर स्थित हैं।

अन्यथा आप मशरूम के बीज ऑनलाइन माध्यम से भी खरीद सकते है। जैसे कि इंडियामार्ट या अमेज़न जैसी बड़ी वेबसाइट पर जाकर भी खरीद सकते। यहाँ पर आपको सरलता से मशरूम के विभिन्न प्रकार के बीच प्राप्त हो जाएंगे।

Indiamart से बीज खरीदने के लिए आप इनकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जा सकते है : https://www.indiamart.com/proddetail/button-mushroom-spawn-7623619012.html

अमेज़न से बीज खरीदने के लिए आप ऑफिसियल अमेज़न की वेबसाइट पर जा सकते है : https://amzn.to/43dLhF9

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मशरूम के बीज की कीमत (Mushroom Seeds Price)

मशरूम के बीज की कीमत 100 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम होती है हालांकि इसकी कीमत की किस्म तथा ब्रांड के हिसाब से बदलती रहती है। मशरूम की खेती कहां होती है

मशरूम की खेती कैसे होती है

चलिए आप जानते हैं कि मशरूम की खेती कैसे होती है किस तरह की प्रोसेस को अपना अच्छी तरह से मशरुम की खेती कर सकते हैं परंतु मशरूम की खेती कैसे होती उसे जानने से पहले हमें यह जान लेते हैं कि इस खेती में हमें किन-किन बातों का ध्यान में रखना चाहिए।

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मशरूम की खेती के लिए महत्वपूर्ण बातें

  • मशरूम की खेती बंद जगह में होती है यानी कि घर के कमरे में या तो झोपड़ी, शेड वगैरे के नीचे की जाती है।
  • मशरूम की फसल के आरंभ में उचित लंबाई और ऊंचाई वाले आयताकार साँचो को तैयार किया जाता है जिसमें मशरूम की खेती होती है।
  • मशरूम की खेती में पूछती भूसा तथा अन्य फसलों की आवश्यकता होती है जो कि कीटाणु रहित होनी चाहिए बारिश का भी नहीं होना चाहिए।
  • भूसा अगर कटा न हो तो भूसा को काटने के लिए भूसा कटाई मशीन की जरूरत होगी।
  • मशरूम की खेती में भूसा का उपयोग खास प्रकार के खाद बनाने में यानी कि कम्पोस्ट बनाने में होता है जिसके लिए उसे उबाला जाता है जिसके लिए दो बड़े ड्रोमों की भी आवश्यकता होती है।
  • घर अथवा तो झोपड़ी, सैड वगैरह के अंदर मशरूम की खेती के लिए आवश्यक अनुसार नमी बनाए रखने के लिए स्प्रेयर या बड़े कूलर की भी आवश्यकता होती है

चलिए अब जानते हैं कि मशरूम की खेती कैसे की जाती है।

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मशरूम की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

मशरूम की खेती के लिए ठंडे वातावरण की जरूरत होती है मशरूम की खेती के लिए अक्टूबर से फरवरी के महीना काफी उपयुक्त माना जाता है इसकी खेती के लिए 22 से 25 डिग्री सेल्सियस तक तापमान की जरूरत होती है वही हवामान में नमी की मात्रा 80 से 85% तक होनी चाहिए।

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मशरूम की खेती के लिए खाद की तैयारी

मशरूम की खेती के लिए कंपोस्ट खाद की जरूरत होती है कंपोस्ट खाद को बनाने के लिए भूसा यानी कि वीट स्ट्रॉ (गेहू का भूसा) अथवा पेड्डी स्ट्रॉ (चावल का भूसा) का उपयोग किया जाता है यह कीटाणु रहित होना चाहिए क्योंकि मशरूम की खेती ही में कोई भी प्रकार की नुकसान ना हो और उसकी उत्पादन काफी अच्छे से हो इसलिए भूसा कीटाणु रहित होना चाहिए।

मशरूम की खेती के लिए खाद की तैयारी

मशरूम की खेती मैं खाद बनाने के लिए 1500 लीटर पानी में 150 किलोग्राम फॉर्मलीन (Formalin) और 150 किलोग्राम बेबी स्टीम (BabyStin) मिलाया जाता है उसे अच्छे से मिक्स किया जाता है।

मशरूम की खेती मैं खाद बनाने

इसके बाद इस मिक्सचर में डेढ़ सौ किलोग्राम गेहूं का भूसा मिलाकर अच्छे से मिक्स किया जाता है जिसे कुछ टाइम तक ढक कर रखना पड़ता है उसके बाद आपकी कंपोस्ट खाद तैयार हो जाती है खेती के लिए।

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मशरूम की बुवाई कैसे करें

कंपोस्ट तैयार हो जाने के बाद इस गेहूं के भूसे को पानी में से निकाल कर बाहर अच्छे से फैला दिया जाता है जिससे भूसे में से पानी की मात्रा कम हो जाए।

हवा में सूखने के बाद कम्पोस्ट में से 50% जितना पानी सुख जाता है इसके बाद खाद को बार बार पलटा जाता है ताकि यह बुआई करने के लिए एकदम तैयार हो जाये।

इसके बाद 16/18 टाइप की पॉलीथिन बैग लेकर उसमे परतों में कम्पोस्ट तथा मशरूम के बीजो को भरा जाता है यानि की पहले कंपोस्ट खाद फिर उसके ऊपर बीज (स्पॉन) और इसी तरह 3-4 परतें बना लेते है।

इस पॉलीथिन बैग के निचे की तरफ छेद कर ले जिससे बचा हुआ भूसा का पानी निकल जाये। फिर इस पॉलीथिन बैग को एकदम कसकर बांध लें जिससे इसमें कही से भी हवा की गुंजाइस न रहे। कम्पोस्ट में बीज मिलाने का अनुपात 2 से 3% जितना होना चाहिए यानि की 100KG पर 2KG बीज मिलाना चाहिए।

इसके बीज या भूसे का अनुपात हर एक परत में बराबर होना चाहिए हालांकि यह मिल्की मशरूम में ही की जाती है जबकि ओयस्टर मशरूम में भूसा तथा बीज को परतों में न रखकर मिक्स करने की तकनीक का इस्तेमाल होता है मतलब बिना परतों के ही मशरूम के बीज और दूसरे को मिला दिया जाता है।

इस तरह मशरूम के बीजों की बुवाई की जाती है बुवाई की प्रक्रिया समाप्त हो जाने के बाद इस पॉलीथिन बैग्स में छोटे-छोटे छिद्र कर दिए जाते हैं जिससे मशरूम के पौधे बाहर निकल सके।

मशरुम के बैग्स

कमरे में मशरूम के बैग्स को आप लकड़ी और रस्सी की मदद से बंद कर लटका भी सकते है अथवा तो आप किसी धातु का पलंगनुमा जंजाल तैयार कर के उसपर आसानी से रख सकते है।

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मशरूम की बुवाई के वख्त ध्यान में रखने योग्य बातें

  • बीजों को लगाने के बाद इस फसल को 15 दिनों तक हवा से बचाना पड़ता है इसलिए इसकी खेती बंद कमरों में की जाती है। 15 दिनों के बाद आप कमरों को खुला छोड़ सकते है। कमरों में हवा के लिए पंखो का ीनेजम भी कर सकते है। 15 दिनों के बाद को मशरूम की फसल सफेद रंग में नजर आने लगाती है।
  • इन 15 दिनों में जिन कमरों में मशरूम के बीज की बुआई हुयी होती है उस कमरे में हवामान की नमि का भी काफी खास ध्यान रखना पड़ता है नमी को नियंत्रण करने के लिए आपको कभी-कभी दीवारों पर पानी का छिड़काव भी करना पड़ता है ध्यान रहे कि कमरे में नमी लगभग 70 से 80 प्रतिशत तक ही होनी चाहिए।
  • इसके बाद आपको कमरे के तापमान पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है मशरूम की फसल को अच्छे से उगाने के लिए आपके कमरे का तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए।

मशरूम की कटाई कब करें

मशरूम की फसल 30 से 40 दिनों में तैयार हो जाती है उसके फल दिखने लग जाते है जिसे आप किसी टूल या इक्विपमेंट का उपयोग किये बिना हाथो की मदद से थोड़ सकते है। मशरूम की कतई के लिए टूल का उपयोग के कारन मशरूम में रोग होने का डर रहते है।

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मशरूम की खेती की ट्रेनिंग PDF

मशरुम की खेती से जुडी सभी जानकारी जाने इस PDF में। सरलता से डाउनलोड कर सकते है।

मशरूम की खेती से जुड़े सवाल जवाब

मशरूम कितने दिन में तैयार हो जाता है?

मशरूम को तैयार होने में लगभग 30 से 40 दिनों का समय लगता है

कौन सा मशरूम सबसे ज्यादा बिकता है?

विभिन्न प्रकार के मशरूम में से सबसे ज्यादा बिकने वाला मशरूम की बात करें तो वह है बटन मशरूम जिसकी मार्केट में काफी डिमांड है

मशरूम के बीज कहां मिलेंगे?

मशरूम की खेती के लिए उसके बीच यानी कि कौन आपको आपके नजदीकी कृषि सहायक केंद्र में सरलता से मिल जाएंगे। इसके अलावा आप मशरूम के बीज ऑनलाइन वेबसाइट जैसे कि ऐमेज़ॉन और इंडियामार्ट से भी खरीद सकते हैं।

मशरूम कितने रुपए किलो बिकता है?

भारत में मशरूम की कीमत 300 से 350 रुपये प्रति किलो कम से कम होती है मशरूम की कीमत उसकी किस प्रकार की क्वालिटी पर डिपेंड करती है

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