जिरेनियम क्या होता है | जिरेनियम की खेती कैसे की जाती है।

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इस आर्टिकल में हम जानेंगे की जिरेनियम क्या होता है, जिरेनियम की खेती कैसे होती है, जिरेनियम तेल का उपयोग तथा फायदे कौन कौन से है और जिरेनियम तेल की किमंत क्या है।

तो चलिए संछेप में जानते है इसके बारे में।

जिरेनियम क्या होता है | What is Geranium

जिरेनियम एक प्रकार से सुंगधित तथा औषधिय पौधा है जिसकी life cycle (जीवन) 2 से 3 साल तक होता है। इस पौधे को लोग Cranesbills Plants से भी जानते है।

जिरेनियम यह Biennial Plant है मतलब ये फूल उत्पादन करने वाला पौधा है। जो मुख्य रूप से फूल उत्पादन करने के बाद खराब होने लगते है।

इन पौधों की लंबाई ज्यादा नहीं होती है। वही जिरेनियम के फूल 4 से 5 पत्तो का होता है। जिरेनियम के फूल सफ़ेद, गुलाबी, बैंगनी तथा नीला रंग के होते है।

जिरेनियम की पत्तियों से Oil निकाला जाता है। जिसका उपयोग cosmetic तथा medical industry में किया जाता है।

इस पौधे की खेती करके किसान जिरेनियम के तेल को बाजार में काफी उच्च भाव पर बेचकर कम लागत तथा मेहनत में ज्यादा मुनाफा कमा सकता है। वही इस पौधे की आय भी 2 से 3 साल की होती है जिससे जिरेनियम पौधे की हार्वेस्टिंग बार बार करके एक से अधिक बार मुनाफा कमाया जा सकता है।

आगे हम संक्षेप में जानेंगे की आखिर कर किसान आसानी से जिरेनियम की खेती कैसे करे। पर उससे पहले यह जान लेते है की जिरेनियम Oil के उपयोग तथा फायदे कौन कौन से है।

जिरेनियम तेल का उपयोग | Uses of Geranium Oil

Uses of Geranium Oil

जिरेनियम तेल का उपयोग एरोमाथेरेपी, सौंदर्य, प्रसाधन, इत्र, सुंगधित साबुन, तथा ब्यूटी क्रीम, mosquito oil (मछर मरने की दवा) वगेरे पदार्थ बनाने में होता है। जैसे की,

जिरेनियम तेल (Geranium Oil) का उपयोग मुँह में लगाने वाला पोंड्स पाउडर (Ponds Powder) में होता है। वही इसका उपयोग मचछर मरने वाले दवा में भी होता है।

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जिरेनियम तेल के फायदे | Benefits of Geranium Oil

जिरेनियम तेल के फायदे की बात करें तो इसमें ऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल (Anti-Bacterial), एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल, जैसे गुण होने के कारन यह शरीर की बहुत सी परेशानियों को दूर करता है। जैसे की,

जिरेनियम Oil, स्किन मांशपेशियां, दाँत व बालों में होनेवाली समस्याओं को दूर करने में मदद करता है, यह रक्तस्त्राव को रोक सकता है, तंत्रिका विकृति तथा विकारो जैसी समस्या को भी कम है।

इसके अलावा इसमें रहे Anti-Bacterial तथा एंटीमाइक्रोबियल जैसे गुणों के कारण यह कीटाणु तथा बैक्टेरिया वगेरे को नाश करने में भी सक्षम है।

जिरेनियम पौधे के फायदे तथा उपयोग जानकार आप किसान भाईओ को यह तो पता चल गया होगा की जिरेनियम की खेती में कितना फायदा है। तो चलिए जानते है की जिरेनियम की खेती कैसी की जाती है।

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जिरेनियम की खेती कैसे की जाती है

जिरेनियम की खेती कैसे की जाती है उसकी सभी जानकारी नीचे क्रम में बताई हुयी है।

जिरेनियम की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

जिरेनियम की फसल सूखे तथा कम बारिश वाले जगहों में अच्छे से होती है। ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र में जिरेनियम की फसल में बहुत सी दिक्कत आती है। जैसे फसल लगाने के बाद फसल उगती नहीं, फसल मर जाती है, फसल की कटाई का समय बढ़ जाता है। अगर फसल आती है तो उसमे से तेल कम निकलता है।

सलिए जिरेनियम की खेती सूखे तथा बादल वाले मौसम में अच्छे से होती है। उसमे हमें ज्यादा फायदा देखने को मिलेगा। अभी जिरेनियम की खेती भारत के बहुत से राज्यों में हो रही है जैसे की उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र वगेरे जगहों पर।

जिरेनियम की खेती के लिए मिट्टी

जिरेनियम की खेती के लिए बालुई दोमट तथा शुष्क मिटटी ज्यादा अच्छी होती है। जिसका pH value 5.5 से 7.5 के बीच हो तो ज्यादा पैदावार देखने को मिलेगी।

जिरेनियम की नर्सरी

जिरेनियम की नर्सरी रेप्युटेटेड फार्म अथवा तो CIMAP (केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान) से लेना चाहिए। CIMAP इस तरह के पौधो पर रिसर्च करके नर्सरी तैयार करते है।

जिरेनियम की खेती

इन जगहों से नर्सरी लेने पर एक पौधे की किमंत 5 से 6 रुपया रहती है। इसके अलावा किसान आस पास हो रही जिरेनियम की खेती में से इन पौधों के छोटे टुकड़े लेकर भी ऊगा सकते है।

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जिरेनियम की किस्म

जिरेनियम की मुख्य जातियाँ अल्जीरियन, बोरबन, इजिप्सियन, सिम-पवन और चाइना केलकर जैसी हैं। जिसमे से China Kelkar जाती की जिरेनियम का ज्यादा उपयोग किया जा रहा है इसकी सुगंध गुलाब के पौधे जैसे होती है।

जिरेनियम के लिए खेत की तैयारी

जिरेनियम की खेती करने से पहले जमीन को भुरभुरा बनाना बेहद आवश्यक है। खेत की दो से तीन बार जुताई के बाद रोटावेटर से मिट्टी को भुरभुरा बनाना चाहिए।

Geranium Farming in Hindi

बाद में पाटा लगाकर खेत को सपाट करना चाहिए। पौधा 2 साल से 3 साल तक रहेगा इसलिए पानी निकासी के लिए सही व्यवस्था रखनी चाहिए। खेत सपाट करने के बाद 45 से 60 दिनों के बाद तैयार खेत में 4 से 4.5 feet की दुरी पर क्यारी बनानी चाहिए।

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जिरेनियम पौधे की रोपाई

एक बार क्यारी बन जाने के बाद 45 से 50 दिन वाले जिरेनियम पौधो को 4.5 फ़ीट की दुरी पर रही क्यारी में 1.25 से 1.5 फ़ीट (feet) की दुरी पर लगाएँ।

अगर आप जिरेनियम नर्सरी की जगह जिनेरियम के टेंडर स्टम्प (Tender Stump) को लगा रहे है तो नीचे के भाग को रूट हार्मोन केमिकल में डुबोकर रोपाई करना चाहिए जिससे यह स्टंप (जिरेनियम पौधे का टुकड़ा) 15 से 20 दिनों में जड़ पकड़ ने लगती है।

रूट हार्मोन के तौर पर Indole Butyric Acid (1g/2 liter) का उपयोग करना चाहिए। वही पौधा को फफूंदी सबंधी बिमारियों से बचने के लिए बाविस्टिन का उपयोग करना चाहिए।

जिरेनियम की खेती के लिए खाद

जिरेनियम के पौधो को लगाने के कुछ समय बाद 300 कुंतल नेचुरल खाद (गोबर खाद) को प्रति हेक्टेयर डालना चाहिए। इसके अलावा नाइट्रोजन 150 किलोग्राम, फॉस्फोरस 60 किलोग्राम तथा पोटाश 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से देना चाहिए।

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जिरेनियम की सिंचाई

जिरेनियम की पहली सिंचाई पौधों की रोपाई के तुरंत बाद करना चाहिए। फिर इसके बाद मिट्टी तथा मौसम के अनुसार हर 5 से 6 दिनों में सिंचाई करना चाहिए। बस एक बाद का ध्यान रखना जरूरी है की यह पौधा में कम पानी की जरूरत पड़ती है इसलिए सिंचाई ज्यादा करना नहीं वरना पेड़ में सड़न तथा जड़ो का गलना जैसी बीमारी लग सकती है।

जिरेनियम पौधों की कटाई

जिरेनियम पौधों के पत्तो की कटाई 3 से 4 महीनों के अंतराल पर करनी चाहिए। 3 से 4 महीनो के बाद पौधा पूरा मेच्युर हो जाता है इसलिए इस समय पर इसकी कटाई करना जरूरी है। बता दें कि कटाई के समय पत्तियां पीली या अधिक रस वाली नहीं होना चाहिए।

जिरेनियम की खेती की लागत तथा फायदा

जिरेनियम की खेती में एक एकड़ में 8000 से 9000 पौधे लगते है। वही एक पौधे की कीमत 5 से 6 रुपये होती है अगर प्रति एकड़ पौधे की लागत देखे तो 40 से 50 हजार रुपये तक होगी वही खाद वगेरे के साथ जिरेनियम खेती के लिए प्रति एकड़ 80 हजार से 90 हजार तक का ज्यादा से ज्याद खर्चा हो जाएगा। वही,

वही एक एकड़ में 40 से 50 टन तक जिरेनियम की पत्ती निकलती है। 1 टन में 1 लीटर जितना जिरेनियम तेल निकलता है। और 1 लीटर जिरेनियम तेल किमंत 12 से 20 हजार रुपये तक होती है।

तो अगर जिरेनियम की खेती की आय की बात करे प्रति हेक्टेयर 5 से 6 लाख तक रुपये की आय हो जाएगी। वही मुनाफा की बाद करे तो 3 से 3.5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर का फायदा जिरेनियम की खेती से।

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जिरेनियम के तेल की कीमत

जिरेनियम तेल की कीमत 12 से 20 हजार रुपये प्रति लीटर है।

कहां से लेकर कब तक, जाने सबकुछ।

जिरेनियम का तेल कैसे निकाला जाता है

जिरेनियम तेल निकालने के लिए सिंपल डिस्टिलेशन मेथड का उपयोग होता है जिसमे बॉयलर होता है पत्तियों पर से वेसल में स्टीम पास कराया जाता है उसके बाद कंडेंसर से oil और पानी बाहर आता है फिर उसके बाद सेपरेटर से oil तथा पानी को अलग किया जाता है।

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