योगी सरकार की एग्रिस्टैक योजना क्या है | एग्रिस्टैक योजना के लाभ

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इस आर्टिकल में एग्रिस्टैक योजना, एग्रिस्टैक योजना के उद्देश्य, कृषि क्षेत्र में नई दिशा की पहल, एग्रिस्टैक योजना का लाभ, एग्रिस्टैक योजना के उपयोग और एग्रिस्टैक योजना के बारे में कुछ सवाल जवाब को जानेगे।

एग्रिस्टैक योजना की मदद से सरकार किसानो को एवं कृषि को डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में बढ़ाने का प्रयास कर रही है।

उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने कृषि क्षेत्र में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने के लिए बड़ी पहल की है। इस पहल के तहत एग्रिस्टैक योजना ( डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रिकल्चर ) को मंजूरी दी गई है।

इस योजना के द्वारा राज्य के किसानों के डिजिटल डेटाबेस ( फार्मर रजिस्ट्री ) को तैयार किया जाएगा। साथ ही उनकी फसलों का GIS आधारित रियल टाइम सर्वे भी किया जाएगा।

इस पहले चरण में राज्य के 21 जिलों में पूर्ण रूप से और शेष 54 जिलों के 10-10 राजस्व गांवों का डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाएगा। यह सर्वे की प्रक्रिया 15 अगस्त से शुरू होगी।

एग्रिस्टैक योजना

एग्रिस्टैक योजना क्या है

यह एक डिजिटल बेस योजना है जिसमें किसानों और कृषि क्षेत्रों को नई टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा जाएगा। एग्रिस्टैक अर्थात टेक्नोलॉजी और डिजिटल डेटा को एकत्रित करना

कृषि मंत्री ने किसानो और कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण लाने के लिए MOU ( Memorandum Of Understanding ) को sign किया है। यह योजना किसानो को और कृषिक्षेत्र को आधुनिकीकरण के साथ जोड़ने में मददगार साबित होगी।

कृषि मंत्री ने इस MOU में माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन से पायलट परियोजना के लिए समझौता किया। पायलट परियोजना यह एग्रिस्टैक योजना का ही एक हिस्सा है।

इसमें टेक्नोलॉजी का उपयोग करके किसानो की आय को भी दुगना करने का प्रयास किया जायेगा। इसमें किसानो की सभी जानकारी डिजिटल अपलोड की जाएगी।

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कृषि क्षेत्र में नई दिशा की पहल

इस नई पहल के द्वारा योगी सरकार ने कृषि क्षेत्र में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की नई दिशा की शुरुआत की है। इसमें क्लाउड कंप्यूटिंग के द्वारा एकीकृत किसान सेवा इंटरफेस बनाया जा रहा है।

एग्रिस्टैक योजना के तहत राज्य के किसानों के डिजिटल डेटाबेस ( फार्मर रजिस्ट्री ) को तैयार करने के साथ ही उनकी फसलों का GIS ( Geographic information system ) आधारित रियल टाइम सर्वे भी किया जाएगा।

इस पहले चरण में 21 जिलों के साथ-साथ 54 जिलों के 10-10 राजस्व गांवों का डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाएगा। जिसकी प्रक्रिया 15 अगस्त से शुरू होगी।

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एग्रिस्टैक योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सरकारी योजनाओं के लाभ तक पहुंचाना है। ताकि वे इससे जुड़कर अपने कृषि उत्पादन को और बेहतर बना सकें।

यहां तक कि इसमें सस्ते ऋण की व्यवस्था और उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट तक की पहुंच को सुविधाजनक बनाने की भी व्यवस्था है। इसमें सबसे अच्छी बात यह रहेगी की सरकार द्वारा ऋण की जो interest rate तय की जाती है वो किसानो को पता होती है जिससे उनसे अधिक ब्याज नहीं ले सकता।

यह योजना किसानों के लिए नए आर्थिक अवसर पैदा करने के साथ-साथ उनके कृषि उत्पादन की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। साथ ही यदि कोई नई तकनीक सरकार द्वारा लाई गयी हो तो वह किसानो तक तुरंत पहुंच जाएगी।

एग्रिस्टैक योजना के लाभ

इस योजना को किसानो तक निम्न तरीको से लाभ पहुंचाया जा रहा है।

डिजिटल सर्वे की प्रक्रिया

इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों के विवरण को एग्रिस्टैक के तहत तैयार किए जा रहे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जाएगा।

एग्रिस्टैक योजना

कृषि विभाग के दर्शन पोर्टल पर उपलब्ध पंजीकृत किसानों के डेटाबेस और भूमि विवरण के डेटाबेस को एकत्रित करके एक फार्मर रजिस्ट्री तैयार की जाएगी।

इसका उद्देश्य डेटा की सुरक्षा और उपयोगिता की सुनिश्चितता करना है ताकि यह उपयोग कर्ताओं को अधिक सहायक बना सके।

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प्राथमिकता में कृषि क्षेत्र

एग्रिस्टैक योजना के माध्यम से किसानों को न केवल उनके उत्पादन में सुधार की सुविधा मिलेगी बल्कि उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ भी प्राप्त होंगे।

यह पहल उनकी आर्थिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जो उन्हें स्वावलंबी बनाने में मदद करेगा। यह पहल कृषि क्षेत्र को बड़ी पहल के रूप में देखने की स्पष्ट प्राथमिकता को प्रकट करती है।

नए आर्थिक अवसरों की उम्मीद

इस एग्रिस्टैक योजना के द्वारा उत्तर प्रदेश के किसानों को नए आर्थिक अवसरों की उम्मीद प्राप्त हो रही है। यह पहल सिर्फ कृषि उत्पादन को ही नहीं बल्कि राज्य के कृषि क्षेत्र की उन्नति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

उत्तर प्रदेश की कृषि क्षेत्र में नए द्वार खुल रहे हैं जो किसानों को उनके उत्पादन को बेहतर बनाने के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी मजबूती देगा।

किसानों की सहयोगी पहचान

यह एग्रिस्टैक योजना किसानों की सहयोगी पहचान बना रही है जो उन्हें उनके उत्पादन को सुधारने के लिए आवश्यक जानकारी और सुविधाएं प्रदान करेगी।

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से यह सुनिश्चित होगा कि किसान अपने फसल का बेहतर तरीके से उत्पादन कर सकें और उसे बेहतर मार्केट में पहुंचा सकें।

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विशेषज्ञों की दिशा में प्रशिक्षण

इस योजना के तहत कृषकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। साथ ही नई टेक्नोलॉजी का उपयोग खेती के लिए कैसे करे यह भी सिखाया जायेगा।

एग्रिस्टैक योजना

कृषि क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान और नए विचारो का परिचय देने के साथ-साथ उन्हें उन योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाएगा जो उनकी आय और उत्पादन में सुधार कर सकती हैं।

समर्थन एवं सहयोग की दिशा में बड़ा कदम

एग्रिस्टैक योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक बड़ी पहल है जो किसानों के लिए समर्थन और सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पहल कृषि क्षेत्र को डिजिटल युग में ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो किसानों को उनके उत्पादन को सुधारने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती देने में मदद करेगा।

नए दिशा-निर्देश के साथ आगे बढ़ते हुए

एग्रिस्टैक योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश की सरकार ने कृषि क्षेत्र में नए दिशा-निर्देश दिए हैं। यह पहल कृषि क्षेत्र की विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है जो किसानों के उत्पादन को और भी सुधारकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेगा।

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पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा

यह योजना देश के 6 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत डिजिटल क्रॉप सर्वे कराने का एक हिस्सा है। यह नये उत्तर प्रदेश की कृषि क्षेत्र में नए और विशेषज्ञता से भरपूर दिनों की शुरुआत है।

इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के उत्पादन को सुधारने और उनकी स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

यह पहल कृषि क्षेत्र की नई ऊर्जा और दिशा की ओर प्रगति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जो किसानों को उनके क्षेत्र में और भी सुधारकर उन्हें आगे बढ़ने की साहस देगी।

पायलट प्रोजेक्ट क्या है

पायलट प्रोजेक्ट यह एक परियोजना है। यह परियोजना 6 राज्यों के 100 गांवो में परिक्षण के रूप में चलायी जाएगी। इस परिक्षण के परिणाम के पश्चात इसे देश में लागु करने पर विचार किया जायेगा।

कोई भी प्रोजेक्ट या परियोजना को लागु करने से पहले उसकी कमिया, उसमे कितना खर्च होगा, उसमे कितना समय लगेगा यह जानने के लिए उस प्रोजेक्ट या परियोजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जाता है।

पायलट प्रोजेक्ट यह निम्नलिखित राज्यों में शुरू किया गया है।

  1. उत्तरप्रदेश
  2. मध्यप्रदेश
  3. गुजरात
  4. हरियाणा
  5. राजस्थान
  6. आंध्रप्रदेश

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किसानो के लिए एग्रिस्टैक योजना का उपयोग

यह योजना को लागु करने का सबसे मुख्य कारण यही था की किसान अपनी खेती एवं आय के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करे। जिससे कृषिक्षेत्र भी बाकि के क्षेत्रो की तरह आगे बढ़े।

इसमें दो stack पर काम किया जाता है। एक Farmers stack और दूसरा Crop stack है। इन दोनों stack में किसानो की स्वयं की और उनकी जमीन की जानकरी को ऑनलाइन अपलोड किया जाता है।

Farmers stack क्या है।

Farmers stack में किसानो के स्वयं के data को इस योजना में अपलोड कराना पड़ता है। जिसमे सबसे महत्वपूर्ण document में किसानो का आधार कार्ड होता है।

आधार कार्ड के 12 अंको का नंबर देते ही किसानो की जानकारी डिजिटल अपलोड हो जाएगी। जब उनकी जानकारी डिजिटल उपलोड हो जाएगी तो इन्हे एक Farmer’s ID मिलेगी।

इसी Farmer’s ID की मदद से Microsoft की इस एग्रिस्टैक में जाकर farmers की personal details पता की जा सकती है। साथ ही उसकी आर्थिक स्थिति के बारे में भी जाना जा सकता है। इस ID को आधार कार्ड के साथ भी जोड़ा जायेगा।

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Crop stack क्या है।

Crop stack में Crop से संबंधित data को अपलोड किया जाता है जैसे की किसान ने किसी crop पर loan लिया हो या crop का insurance आदि।

इस Crop stack में land का भी data डिजेटाइजेशन किया जाता है। जिससे यह सरलता से जाना जा सकता है की किस किसान के पास पहले कितनी जमीन थी, अब कितनी जमीन है।

इस stack में crop से पैदावार तथा उनके फसलों को उचित दाम के बारे में भी किसानो को पता चल जायेगा।

एग्रिस्टैक योजना के बारे में सवाल जवाब

एग्रिस्टैक क्या है?

एग्रिस्टैक अर्थात टेक्नोलॉजी और डिजिटल डेटा को एकत्रित करना।

पायलट प्रोजेक्ट क्या है?

कोई भी प्रोजेक्ट या परियोजना को लागु करने से पहले उसकी कमिया, उसमे कितना खर्च होगा, उसमे कितना समय लगेगा यह जानने के लिए उस प्रोजेक्ट या परियोजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जाता है।

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