काजू की खेती कैसे और कहाँ होती है | Cashew farming in hindi
इस आर्टिकल में काजू की खेती कैसे होती है, काजू की खेती कहां होती है, काजू के फल कब तैयार होते है और काजू की खेती से जुड़े सवाल जवाब ( How is cashew cultivated , Where is cashew cultivated, when are cashew fruits ready ) के बारे में जानेगे।
भारत में काजू की खेती को काफी अधिक बढ़ावा मिल रहा है। क्योकि काजू एक नकदी फसल है। इसकी खेती करने से किसानो को काफी मुनाफा भी होता है।
![काजू की खेती कैसे और कहाँ होती है | Cashew farming in hindi काजू की खेती](https://i0.wp.com/farmingcenter.co.in/wp-content/uploads/2023/10/kaju-ki-kheti.jpg?resize=650%2C400&ssl=1)
काजू ब्राजील में सबसे अधिक पाए जाते है। कुछ वर्ष से इसकी खेती को भारत में भी किया जा रहा है। इसकी खेती समुद्रीय तट वाली जमीन पर की जाती है।
काजू की मांग आज के समय में बहुत अधिक हो गयी है क्योकि अब इसका उपयोग मिठाई से लेकर घर के पकवानो तक में होने लगा है।
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काजू की खेती कैसे करे | Cashew farming
इसकी खेती में निम्नलिखित का ध्यान रखना पड़ता है।
काजू की खेती के लिए मिट्टी
इसकी खेती अधिकतर पहाड़ी इलाके एवं समुद्रीय तट की मिट्टी में की जाती है। इसकी खेती के लिए लाल या लेटेराइट मिट्टी सबसे ज्यादा अनुकूल मानी जाती है।
काजू की खेती के लिए जलवायु एवं तापमान
इसकी खेती के लिए जलवायु एवं तापमान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इसकी खेती के लिए गर्म जलवायु होनी चाहिए है। इसकी खेती के लिए ज्यादा ठंडा एवं अधिक वर्षा वाला वातावरण नहीं होना चाहिए।
शुरुआत के समय में इसकी खेती के लिए 20°C तक के तापमान की आवश्यकता होती है। जब काजू का पौधा बड़ा हो जाये तब इसकी खेती के लिए 30°C से 35°C तक का तापमान उचित माना जाता है।
![काजू की खेती कैसे और कहाँ होती है | Cashew farming in hindi काजू के फल](https://i0.wp.com/farmingcenter.co.in/wp-content/uploads/2023/10/kaju-1.jpg?resize=300%2C300&ssl=1)
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काजू की खेती के लिए खेत की तैयारी
इसकी खेती के लिए सबसे पहले खेत की 2 से 3 बार जुताई करनी पड़ती है। जिससे जो पहले की फसल होगी उसकी जड़े अच्छे से साफ हो जायेगी ।
जुताई के बाद खेत को समतल कर दे। खेत समतल होने के बाद खेत में काजू के बीज लगाने के लिए गड्डे करने पड़ते है। खेत में इसके गड्डो के बीच में 4 से 5 मीटर की दुरी होनी आवश्यक है।
गड्डे का आकर 60 x 60 x 60 तक होना चाहिए। गड्डे में गोबर की खाद, N:P:K: और वर्मी कंपोस्ट को डालना चाहिए। गड्डे को 4 से 5 दिन के लिए खुला छोड़ देना चाहिए जिससे जो खाद हमने डाली वो सूर्य की ऊर्जा से अच्छे से मिल जाये।
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काजू की प्रमुख किस्में
काजू की खेती के लिए काजू की प्रमुख किस्में निचे बताये अनुसार है।
- वेगुरला-4
- उल्लाल -2
- उल्लाल -4
- बी.पी.पी.-1
- बी.पी.पी.-2
- टी.-40
काजू के खेत में पौधे कैसे लगाए
काजू के खेत में पौधे लगाने का सही समय जून से जुलाई का माना जाता है। अर्थात इसकी खेती में पौध रोपण के लिए वर्षा ऋतू अनुकूल मानी जाती है।
काजू के पौधे को soft wood grafting की विधि से तैयार किया जाता है। जब नर्सरी में पौध तैयार हो जाये तब आपको इसके पौधे को गड्डे में लगाकर उसे अच्छे से समतल कर दे।
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काजू की खेती में सिंचाई
इसके खेत में पौधे को बारिश के समय में लगाया जाता है। जिससे पहली सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। परन्तु यदि पौधे को लगाते समय बारिश नहीं हुई हो तो खेत की सिंचाई करनी चाहिए।
उसके बाद बारिश जे मौसम में सिचाई की उतनी आवश्यकता नहीं होती परन्तु सर्दी के मौसम में 10 से 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए।
गर्मी के समय में इसकी सिंचाई की समय अवधि कम कर देनी चाहिए अर्थात 4 से 5 दिन के अंतर में सिंचाई करते रहना चाहिए। जब काजू के पेड़ पर फूल आने लगे तो सिंचाई को कम कर देना चाहिए।
![काजू की खेती कैसे और कहाँ होती है | Cashew farming in hindi काजू की खेती](https://i0.wp.com/farmingcenter.co.in/wp-content/uploads/2023/10/cashew-fruit.jpg?resize=650%2C400&ssl=1)
काजू की खेती कहां होती है |
भारत में इसकी खेती निम्न जगहों पर की जाती है।
- केरल
- महाराष्ट्र
- गोवा
- कर्नाटक
- तमिलनाडु
- पश्चिम बंगाल
- आंध्रप्रदेश
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काजू के पेड़ में फल कब तैयार होता है
जब इसके पेड़ पर फूल आने लगते है तब इनकी विशेष ख्याल रखने पड़ते है। क्योकि गर्मी, बारिश या सर्दी कोई भी मौसम में यदि इनके पेड़ो को अधिक मात्रा में वातावरण लग जाये तो इनके फूल झड़ने लगते है।
जब फूल फल में बदलते है तो शुरुआत में वह हरे रंग का होता है। कुछ समय बाद वह हल्के पीले रंग के होने लगते है और अंत में जब फल पक जाये तो वह लाल रंग के हो जाते है।
काजू की खेती से जुड़े सवाल जवाब
काजू का पौध कब तैयार होता है?
जब इसके पौध को soft wood grafting विधि से तैयार किया जाता है तो जो कलम ली जाती है वह 2 से 3 वर्ष जितनी पुरानी होनी चाहिए। जिससे काजू का पौध खेत में लगाने के लिए 1 से 2 महीने में तैयार हो जाता है।
काजू का पेड़ कितने साल में तैयार होता है?
इसकी खेती दो तरीको से की जाती है। यदि आपने इसके बीज लगाकर खेती की है तो इसके पेड़ को तैयार होने मे 6 से 7 साल लगते है या फिर यदि इसकी कलम लगा कर खेती की हो तो 2 से 3 साल में इसका पेड़ तैयार हो जाता है।
काजू का पेड़ कितने साल में फल देता है?
काजू का पेड़ तैयार होने के 1 से 2 साल के अंदर फल देना शुरु कर देते है।
काजू का बीज कहां मिलता है?
काजू का बीज आपको नर्सरी से भी प्राप्त हो जायेगा या फिर आप इसके बीज को online भी खरीद सकते हो।