हाइड्रोपोनिक खेती क्या है ? उसकी लागत और लाभ
आधुनिक युग में अलग-अलग तरीके से खेती की जा रही है परन्तु धीरे -धीरे जमीन क्षेत्रफल भी कम होता जा रहा है। क्योकि अब खाली जगह पर लोग नई-नई कंपनियां,मॉल,अपार्टमेंट बना लेते है। जिससे अब लोगो को खेती करने के लिए ज्यादा जमीन नहीं मिलती।

जिससे आज हम ऐसी खेती के बारे में बतायेगे की जिसमे मिट्टी न के बराबर उपयोग होती है तथा उसके लिए हमें ज्यादा जमींन की भी आवश्यकता नहीं होती है। हम जिस खेती के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसका नाम हाइड्रोपोनिक फार्मिंग है।
हाइड्रोपोनिक खेती क्या है ? ( What is Hydroponic Farming ? )
हाइड्रोपोनिक फार्मिंग यह मिट्टी के बिना या कम मिट्टी में होने वाली खेती है। क्योकि हाइड्रोपोनिक फार्मिंग में हम पानी का ज्यादा उपयोग करते है और सभी पोषकतत्वो को पानी में मिलाकर उन्हे पौधों तक पहुंचाया जाता है।
यदि हमारे पास पानी,पोषकतत्व और पानी की सुविधा हो तो हम हाइड्रोपोनिक खेती एकदम आसानी से कर सकते है। कई बार हमें हाइड्रोपोनिक खेती करने के लिए बालू,कंकड़ या सूखे नारियल के छिलके की भी आवश्यकता हो सकती है।
हाइड्रोपोनिक खेती कैसे करे ?( How to do hydroponic farming ? )

- हाइड्रोपोनिक फार्मिंग (खेती) करने के लिए सबसे पहले आपको जगह तैयार करनी पड़ेगी।
- हाइड्रोपोनिक फार्मिंग यह पाइपों की मदद से की जाने वाली फ़ार्मिंग है। इसलिए आपको पाइपों का सिस्टम तैयार करना पड़ेगा।
- पाइपों में निश्चित स्थान के अंतर पर छेद होने चाहिए।
- वैसे तो हाइड्रोपोनिक फार्मिंग में मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है परन्तु कुछ कुछ पौधों लिए हमें ऐसे चीजों की जरुरत होती है। जिसमे पानी बहता भी रहे और नमी भी बनी रहे।
- इसलिए पाइप में कंकड़,बालू या नारियल के छिलके का भूसा डालना पड़ता है। जिससे पौधों के जड़ के पास नमी बनी रहे।
- अब जिस चीज की खेती करनी है उस हिसाब से पोषक तत्वों को इक्ठा करना है।
- इन पोषक तत्वो को पानी में मिलाकर दिया जाता है।
- जब पाइप का सिस्टम तैयार करेंगे तो उसमे पौधों के लिए जो रैंक (डिब्बे) होगे । उसका उपयोग करना है।
- आपको नारियल का भूसा और पोषक तत्व को अच्छे से मिक्स कर लेना है।
- जब सभी सामग्री अच्छे से मिक्स हो जाये। तब उसे आपको रैक ( डिब्बे ) में डालना है। रैक ( डिब्बे ) के निचली सतह पर पहले से ही छोटे छोटे छेद होते है।
- रैक को पाइप के सिस्टम में सेट करना है और उस पाइप में पानी का प्रवाह शुरू करना है।
- पानी का प्रवाह शुरू करने के बाद आपको हाइड्रोपोनिक खेती के सिस्टम में या उस जगह पर जहां हाइड्रोपोनिक खेती हो रही है वहां प्रकाश की सुविधा उपलब्ध कराये। जिससे पौधों को प्रकाश से ऊर्जा भी प्राप्त होती रहे।
- इस तरह हाइड्रोपोनिक खेती की जाती है।
- अब आपने जिस चीज की खेती की है उसके अनुसार उसे समय समय पर पोषक तत्व देते रहे।
- उसका पानी का PH ,जलवायु ,तापमान का ध्यान रखना है।
हाइड्रोपोनिक खेती में कितनी लागत लगती है ? ( How much does Hydroponic Farming cost ? )
हाइड्रोपोनिक खेती यदि इंडोर अर्थात घर के अंदर या छत पर की जाती है। तो इसमें आपको अपनी जगह के हिसाब से हाइड्रोपोनिक खेती का सिस्टम सेट करना होगा तथा प्रकाश के लिए भी आर्टिफिशियल लाइट का इंतजाम करना होगा।
जिससे आपकी कम जगह के हिसाब से उत्पादन भी कम होगा। जैसे की मानिये आप 100 से 150 वर्ग फुट की जगह में खेती करते है तो आपको 60 से 70 तक के रूपए की लागत लगानी पड़ेगी। इनडोर में आउटडोर की अपेक्षा ज्यादा लागत लगती है क्योकि इसमें आर्टिफीशियल लाइट लगानी पड़ती है जो थोड़ी महंगी आती है।
आप यदि हाइड्रोपोनिक खेती आउटडोर अर्थात घर के बाहर करते है। तो आपको जगह के अनुसार लागत लगानी पड़ेगी। जैसे 1000 से 1500 वर्ग फुट की जगह के लिए 10 से 20 लाख रूपए तक की लागत लगानी पड़ती है।
हाइड्रोपोनिक खेती में शुरुआत में लागत अधिक लगानी पड़ती है। परन्तु जब एक बार पौधों के लिए सारे सिस्टम सेट हो जाते है तो बाद में केवल उनकी मेन्टेन्स का ही खर्चा आता है।

हाइड्रोपोनिक खेती के लाभ ( Benefits of Hydroponic Farming )
- हाइड्रोपोनिक खेती करने के लिए हमें मिट्टी की आवश्यकता ना के बराबर होती है।
- हाइड्रोपोनिक सिस्टम का उपयोग करके हम कम जगह में अच्छी खेती कर सकते है।
- हाइड्रोपोनिक खेती में 70% से 80%जितने पानी की भी बचत होती है।
- हाइड्रोपोनिक खेती में पानी की बचत इसलिए होती है क्योकि पाइप में जो पोषक तत्वों से मिश्रित पानी डाला होता है। उसी पानी का 2 से 3 बार उपयोग किया जाता है।
- हाइड्रोपोनिक खेती के द्वारा पौधों को सीधे पोषक तत्व प्राप्त हो जाते है।
- हाइड्रोपोनिक खेती में मौसम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।