ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें | Dragon fruit Farming in Hindi
इस आर्टिकल में हम Dragon fruit, ड्रैगन फ्रूट की खेती, ड्रैगन फ्रूट के benefit, ड्रैगन फ्रूट की variety तथा ड्रैगन फ्रूट से जुड़े सवाल जबाब के बारे में जानेगे।
ड्रैगन फ्रूट भी कीवी और अन्य फलो की तरह भारत में तेजी से खाया जाने वाला फल बन चूका है। इसके नाम से ही लगता है की यह कोई विदेशी फल है।
इस फल को खाने से काफी सारे फायदे भी है साथ ही यह भी कीवी की तरह कई रोगो में खाया जाने वाला फल है। इस फल की खेती अब भारत में भी तेजी से की जा रह है।
इस फल की खेती में केवल शुरुआत के समय में लागत थोड़ी अधिक लगती परन्तु जब उसका उत्पादन होता है तो लागत के तुलना में मुनाफा ज्यादा होता है।
इस फल की खेती में अभी तक किसी भी प्रकार के रोग नहीं देखने को मिले है साथ ही इसमें पानी की आवश्यकता भी कम होती है और खाद का भी खर्च बहुत कम होता है क्योकि इसमें जैविक खाद का उपयोग किया जाता है।
ड्रैगन फ्रूट क्या है | What is Dragon fruit
यह फ्रूट कैक्टस की तरह दिखने वाला फल है। कई सारी बीमारियों में डॉक्टर इस फल को खाने की सलाह देते है। क्योकि इस फल में भी काफी मात्रा में विटामिन और प्रोटीन पाया जाता है।
इस फल को कई नामों से जाना जाता है जैसे पिताया, पिताहया और स्ट्राबेरी पियर। बाजार में कई सारे प्रकार जैसे लाल गुदा वाले, सफेद गुदा वाले और पीला रंग का फल देखने को मिलता है।
इस फल का स्वाद खाने में कीवी और नाशपाती के जैसा थोड़ा लगता है साथ ही फल की गुदा में काले रंग के छोटे छोटे तिल जैसे बीज भी होते है।
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ड्रैगन फ्रूट की खेती | Dragon fruit farming
इस फल की खेती निम्नलिखित बातो को ध्यान में रख कर की जाती है।
ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए मिट्टी
इस फ्रूट की खेती के लिए सभी प्रकार की मिट्टी अनुकूल मानी गयी है। फिर वो दोमट वाली हो, बलुई हो, लाल दो या चिकनी मिट्टी हो। केवल ध्यान रखे की मिट्टी का PH 7 से 8 के बीच में ही हो।
इस फ्रूट की खेती के लिए जल निकासी वाली जमीन होनी चाहिए। यदि आपने जल भराव वाली जमीन पर खेती की तो इसके पौधो की जड़ सड़ने लगेगी साथ ही फफूदी भी लगनी शुरू हो जाएगी।
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ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए जलवायु
इस फ्रूट की खेती के लिए गर्म जलवायु अनुकूल होती है। इसकी खेती के लिए 20°C से 40°C तक का तापमान उचित माना जाता है।
परन्तु जब पौधे में फल छोटे छोटे हो या फल के आने की शुरआत हुई हो तो तापमान थोड़ा कम होना चाहिए।
ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए खेत की तैयारी
इस फ्रूट की खेती के लिए हमें खेत को तैयार करना पड़ता है। खेती में कियारी बनानी पड़ती है साथ ही कियारी में पोल लगाने पड़ते है और trellis system लगाना पड़ता है।
इस system में angle पर जमीन से लेकर foggers के निचे तक में 3 स्तर पर तार बांधी जाती है। कियारी में 10 फीट के अंतर पर column लगया जाता है।
एक कियारी से दूसरी कियारी के बीच में भी 10 फिट की दुरी रहती है साथ ही पौधों के बीच 2 फीट की दुरी होती है। इसमें तारो को ड्रिप method से कवर किया जाता है। जिससे जो नए पौधे निकले वह कट कर गिर ना जाये।
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Trellis system क्या है |
ड्रैगन फ्रूट के पौधे को बढ़ने के लिए किसी न किसी प्रकार के सहारे की जरुरत होती है जिससे उसके फल सही तरीके से बढ़ सके।
इस फ्रूट की खेती में Trellis system का उपयोग करने पर खेत में column बनाने पड़ते है। जिससे column की मदद से इस फ्रूट के पौधे जल्दी एवं तेजी से बढ़ सके।
यह कॉलम को कंक्रीट की या फिर मजबूत लकड़ी की बनानी चाहिए क्योकि जब पौधे पर फल तैयार होते है तो उनका वजन column संभाल सके।
इस system में column के साथ तार की भी जरुरत होती है साथ ही इसमें foggers और angle की भी जरुरत होती है जिस पर तार एवं drip system को लगाया जा सके।
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ड्रैगन फ्रूट की खेती में पौधे की बुवाई
इस फ्रूट की खेती में आप दो तरीके से पौधे को ऊगा सकते हो। आप इसे बीज के द्वारा भी पौधे ऊगा सकते है। या फिर छोटे पौध ( कलम ) को लगा कर भी इसकी खेती कर सकते हो।
बीज या फिर पौध आपको प्रमाणित नर्सरी से ही लेनी है। यदि आप बीज से बुवाई करते है तो इसके पौधे को फल देने में 3 से 4 साल लगते है। यदि आप पौध लगाकर खेती करते है तो इसको 1 से 2 साल में उत्पादन प्राप्त होने लगता है।
यदि आप पौध को खेत में लगते है तो तुरंत खेत में गोबर की खाद डालनी नहीं है क्योकि यदि गोबर की खाद तुरंत डालते है तो पौध की जड़ो में सड़न लग सकती है और फफूंदी भी लग सकती है।
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ड्रैगन फ्रूट की खेती में खाद
इसकी खेती में रासायनिक खाद की बहुत कम आवश्यकता होती है। इसमें सभी खेती की तरह शुरआत में बेसल डोस देना पड़ता है। बेसल डोस में N:P:K 50 ग्राम जितनी एवं जैविक खाद का ही उपयोग किया जाता है।
जैविक खाद में सबसे अच्छा गोबर की खाद मानी जाती है। इसके अलावा आप अन्य जैविक पदार्थो का उपयोग करके खाद को बनाया जा सकता है। इसमें अधिक खाद की जरुरत नहीं होती है।
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ड्रैगन फ्रूट की खेती में सिंचाई
इसकी खेती में ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है। जिससे इसमे ठंडी के समय में महीने में 2 बार ( 15- 15 दिन के अंतर ) में सिंचाई करनी चाहिए।
गर्मी के समय में 8 से 12 दिन के अंतर में सिचाई करते रहना चाहिए। इसकी खेती में कई लोग foggers का भी उपयोग करते है।
Fogger क्या है
fogger यह जब पानी की कमी होती है पौधो को तब पोधो के ऊपर छिड़काव करने में मदद रुप होता है। क्योकि कई बार बारिश होती है तो कई बार बारिश काफी समय तक नहीं होती तब इसका उपयोग किया जाता है।
जब पौधे में फल के आने की शुरुआत होती है तब उन्हे अधिक तापमान की आवश्यकता नहीं होती है उस समय भी foggers की मदद से तापमान को वर्तमान के तापमान से कम किया जा सकता है।
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ड्रैगन फ्रूट की खेती में harvesting
इसकी खेती में जब फल पक कर तैयार हो जाते है तब आपको इसकी harvesting कर लेनी चाहिए। जब फल बहार से पुरे गुलाबी या पीले दिखने लगे तभी उसको काट लिया जाता है।
harvesting करते समय ध्यान रखे की फल को उसके निचले स्तर से पूरा न काटे उसमे कुछ हरा भाग रहने दे। जैसे आम पर या अमरुद के फल में उसके ऊपर थोड़ा डंडी जैसा होता है वैसे इसमें भी रहने दे नहीं तो फल के खराब होने की सम्भावना होती है।
जो red jumbo variety के फल होते है यदि वह harvesting के लिए तैयार हो गए है और आपने उसको कटिंग करने में 3 या 4 दिन लेट कर तो उसमे किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। बाकि सब variety में यदि harvesting लेट होती है तो फल के फटने की समस्या देखने को मिलती है।
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ड्रैगन फ्रूट की variety
इस फ्रूट की अभी तक 3 variety बाजार में देखने को मिलती है।
- सफेद गूदे और बाहर से गुलाबी रंग
- लाल गूदे और बाहर से लाल रंग ( red jumbo )
- सफेद गूदे और बाहर से पीला रंग
ड्रैगन फ्रूट के फायदे | Dragon fruit benefit
इस फ्रूट को खाने से काफी सारे फायदे है। जो निम्नलिखित है।
- diabetes को कम करना
- कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में
- रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाना
- कैंसर के खतरे को कम करना
- आँखो एवं बालो के लिए अच्छा
- पेट की पाचन क्रिया में सहायक
- मजबूत हड्डियों के लिए
- हृदय को अच्छा रखने में
- pregnancy के समय में
ड्रैगन फ्रूट से जुड़े सवाल जवाब |
ड्रैगन फ्रूट की खेती कब होती है?
इस फ्रूट की खेती जून से दिसंबर महीने के बीच में की जाती है।
ड्रैगन फ्रूट कितने दिन में तैयार होता है?
जब पौधे में छोटे छोटे फल आ जाते है तब से लेकर 40 से 45 दिन में फल तैयार हो जाता है।
ड्रैगन फ्रूट का पौधा कितने दिन में फल देता है?
इसकी खेती में यदि आप बीज से खेती करते हो तो फल आने में 3 से 4 साल लगता है फल और यदि आप पौध लगाकर खेती करते हो तो 1 से 2 साल में फल आने लगता है।
भारत में ड्रैगन फ्रूट की खेती कहाँ होती है?
भारत में अब सभी जगहों पर इसकी खेती होने लगी परन्तु महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और गुजरात में इसकी खेती अधिक होती है।
ड्रैगन फ्रूट का पौधा या बीज कहाँ मिलेगा?
इसका पौधा या बीज आपको प्रमाणित नर्सरी में से प्राप्त हो जायेगा या फिर आपको online market में भी मिल जाएगा।
ड्रैगन फ्रूट का price कितना है?
इस फ्रूट का price अलग अलग जगह पर अलग हो सकता है परन्तु औसत इसका price ₹100 जितना होता है।
ड्रैगन फ्रूट से क्या बनता है?
इस फ्रूट से जैम, आईस्क्रीम, जेली, जूस और वाइन बनता है।
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