लम्पी वायरस रोग के लक्षण | गाय को लम्पी रोग से बचाव के उपाय
इस आर्टिकल में हम लम्पी वायरस क्या, लम्पी वायरस के लक्षण, लम्पी वायरस कैसे फैलता है, लम्पी वायरस के रोकथाम और उपचार, भारत में लम्पी वायरस किन राज्यों में फैला है, संक्रमित पशुओ का दूध सेवन के लिए सुरक्षित है या नहीं और लम्पी वायरस से जुड़े सवाल जवाब के बारे में जानेगे।
लम्पी वायरस यह जानवरो में बहुत तेजी से फैलने वाला वायरस है। यह वायरस अधिकतर गायों में देखने को मिल रहा है। इस वायरस की वजह से उनकी मृत्यु भी हो रहा है।
जिस तरह मनुष्यो को कोरोना वायरस हो रहा था उसी तरह पशुओ को लम्पी वायरस हो रहा है। यदि दुधारू पशुओ को यह रोग हो रही है तो उनके साथ साथ उनके बच्चे को भी इससे संक्रमण हो सकता है।
लम्पी वायरस क्या है | What is Lumpy Virus
यह एक गांठदार रोग त्वचा रोग ( Skin Dieses ) है। इस रोग में, जब कोई प्राणी इस वायरस के चपेट में आता है तो उनके शरीर की त्वचा पर गांठे बन जाती है। जिससे उनके पुरे शरीर पर यह रोग फैल जाता है और पूरी शरीर गांठयुक्त हो जाती है।
यह रोग कैपरी पॉक्स वायरस से फैलता है। क्योकि लम्पी वायरस के जीन कैपरी पॉक्स वायरस से संबंधित होते है। यह वायरस संक्रमित पशुओ के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है।
कैपरी पॉक्स वायरस में तीन तरह के वायरस देखने को मिलते है। पहला शीप पॉक्स ( Ship Pox ) दूसरा गोट पॉक्स ( Goat Pox ) और तीसरा लम्पी स्किन डिसीज वायरस ( Lumpy Skin Dieses Virus ) है।
लम्पी रोग यह मच्छर के काटने से होता है और यह रोग मच्छर, मक्खी, संक्रमित पशुओ की लार, चारा और आदि जन्तुओ एवं कीटो से फैल सकते है।
इसलिए यही कोई पशु को यह रोग हुआ है तो उन्हें अन्य स्वस्थ पशुओ के पास से हटा देना चाहिए। साथ ही जिन्हे यह वायरस नहीं हुआ है उनके पास साफ सफाई रखनी चाहिए और उन्हे यह रोग न हो उसकी सावधानी बरतनी चाहिए।
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लम्पी वायरस के लक्षण क्या है (Symptoms of Lumpy Virus)
यह लम्पी वायरस के लक्षण निम्नलिखित बताये अनुशार है।
- जिस भी पशुओ को यह बीमारी होती है उनमे 4 से 14 दिन में इस वायरस के लक्षण दिखने लगते है।
- जब पशुओ को यह रोग होता है तो उन्हे बुखार आ जाता है, आँख और नाक से पानी निकलने लगता है और मुँह से ज्यादा लार टपकने लगती है।
- जब पशुओ को यह रोग हो जाता है तो उनमे भूख की कमी देखने को मिलती है साथ ही जिन पशुओ का दूध निकला जाता है उनके पहले की तुलना में कम दूध निकलता है। अर्थात दूध की मात्रा में कमी हो जाती है।
- उनके शरीर पर 2cm से 5cm की गांठ हो जाती है ज्यादातर यह गांठ सिर पर, गर्दन पर, जननांग पर और थन पर होते है।
- कुछ समय बाद यह गांठ सुख कर घाव बन जाते है और जिससे पशुओ की मृत्यु भी हो जाती है।
- यह गांठ पशुओ के लसिका ग्रंथि में बनती है।
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लम्पी वायरस कैसे फैलता है (How Lumpy Virus Spread)
यह वायरस मुख्य रूप से दो तरीको से फैलता है। एक मच्छर, मक्खी या किसी कीड़े के काटने से यह वायरस फैले या तो किसी संक्रमित जानवरो के संपर्क में आने से यह वायरस फैलता है।
कई बार इन दोनों तरीको से नहीं फैलता बल्कि किसी पशुओ को चारा खिलाया वही अन्य को भी खिला दे तो उनको यह वायरस हो जाता है।
लम्पी वायरस के रोकथाम और उपचार |
लम्पी वायरस के रोकथाम और उपचार के लिए निम्नलिखित प्रयास करने चाहिए।
- जहाँ भी पशु रहते हो उस जगह पर कीटनाशकों का छिड़काव कराना चाहिए जिससे यदि वहां यह वायरस के होने की शुरुआत होतो वह छिड़काव से नष्ट हो जाये।
- जो संक्रमित पशु हो उन्हे अन्य स्वस्थ्य पशुओ से अलग जगह पर रखना चाहिए। जिससे अन्य स्वस्थ्य पशुओ को संक्रमण न हो।
- जिन जगह पर संक्रमण हो उन जगह पर पशुओ की आवाजाही पर नियंत्रण करना चाहिए।
- इस वायरस का सबसे अच्छा उपचार टीकाकरण है। उसमे भी Goat Pox Vaccine इस वायरस के लिए सबसे प्रभावी Vaccine है।
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ( ICAR ) की दो संस्थान इस रोग के लिए दो vaccine पर परीक्षण कर रही है।
- अभी इस रोग का केवल टीकाकरण ही सही उपचार है जिससे इस वायरस को रोका भी जा रहा है।
- यदि पशुओ की Skin इस रोग से प्रभावित हो गयी हो तो उन्हे डॉक्टर की सलाह से non steroidal anti inflammatory and antibiotic नाम की दवा का उपयोग कर सकते है।
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भारत में लम्पी वायरस किन राज्य में है |
भारत में अब कई राज्यों में यह वायरस फैल गया है। अभी तक इस वायरस 16 लाख या उससे अधिक पशु संक्रमित हो गए है और जिसमे से 75,000 से ज्यादा पशुओ की मृत्यु हो गयी है।
यह वायरस निम्नलिखित राज्यों में है।
- राजस्थान
- गुजरात
- गोवा
- हिमाचल प्रदेश
- उत्तराखंड
- उत्तरप्रदेश
- मध्यप्रदेश
- जम्मू कश्मीर
- पंजाब
- हरियाणा
- महाराष्ट्र
लम्पी वायरस से संक्रमित पशुओ के दूध के सेवन से वायरस फैलता है?
FAO ( Food and Agriculture Organization ) के रिपोर्ट के अनुसार संक्रमित पशुओ के दूध में अभी तक यह वायरस नहीं पाया जा रहा है।
साथ ही दूध को उबाला जाता है जिससे सभी वायरस निष्क्रिय एवं नष्ट हो जाते है और दूध के पाउडर का भी सेवन सुरक्षित माना गया है क्योकि वह भी उबाल कर सूखा कर बनाया जाता है।
जिससे संक्रमित पशुओ के दूध के सेवन से यह वायरस नहीं फैलता है। यह मनुष्यो को संक्रमित नहीं करता है इसलिए इसे गैर जूनोटिक रोग भी कहते है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
लम्पी वायरस से जुड़े सवाल जवाब
क्या लम्पी वायरस इंसानो में होता है?
यह वायरस अभी तक इंसानो को नहीं हुआ है यह केवल पशुओ में फैलने वाला वायरस है। इससे इंसानो को कोई खतरा नहीं है। यहाँ तक की यह वायरस भेड़ – बकरियों में भी नहीं फैलता है।
लम्पी वायरस का भारत में पहला केस कब आया?
इस वायरस का पहला केस 2019 में आया क्योकि उसी समय यह वायरस बांग्लदेश में तेजी से फैल रहा था जिससे भारत में आया।
लम्पी वायरस कितने दिन तक रहता है?
इसके लक्षण तो 4 से 14 दिन के बीच में दिखाई देते है परन्तु यदि पता चल जाये की पशु इस वायरस से प्रभावित है तो तुरंत इलाज करने पर वह 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है।
लम्पी वायरस कहाँ से शुरू हुआ?
यह वायरस की शुरुआत सन 1929 में अफ्रीका के जाम्बिया से हुई।
लम्पी वायरस के लिए कौन सी वैक्सीन को लागए?
Goat Pox Vaccine इस वायरस के लिए सबसे प्रभावी Vaccine है।