गोबरधन योजना क्या है | गोबरधन योजना Online Registration 2023
इस आर्टिकल में हम गोबरधन योजना क्या है, Gobardhan Yojana जानकारी, Gobardhan yojana full form, गोबरधन योजना का उद्देश्य, गोबरधन योजना का लाभ, गोबरधन योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, गोबरधन योजना 2023 में वृद्धि और गोबरधन योजना से जुड़े सवाल जवाब के बारे में जानेगे।
गोबरधन योजना को वर्ष 2018-19 के बजट में शुरू करने की घोषणा की गई थी। इस योजना को अरुण जेटली के द्वारा 1 फरवरी 2018 को शुरू किया गया था।
इस योजना में गोबर को धन एवं ऊर्जा में रूपांतरित किया जाता है इसलिए इस योजना का नाम गोबर धन योजना पड़ा। इस योजना के लागु होने से लोगो को आय के स्रोत भी प्राप्त हुए।
इस योजना के आने से लोगों को गोबर से भी कमाई हो सकती है इसके बारे में पता चला। जिससे वर्ष 2023 में इस योजना को केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है।
गोबरधन योजना क्या है | Gobardhan yojana kya hai
गोबरधन योजना को हरियाणा सरकार द्वारा ऑर्गेनिक खाद और गोमूत्र प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है इस योजना में पशुओं के गोबर को कंपोस्ट करके उर्जा में रूपांतरित किया जाता है
इस योजना के द्वारा पशुओ के मल, मूत्र एवं खेतो के अपशिष्ट ( सूखे पत्ते, भूसा, नीम एवं सरसो की फली आदि ) को बायो गैस या बायो CNG में रूपांतरित किया जाता है।
यह योजना सही तरीके से कार्य करे साथ ही सही संचालन के लिए सरकार द्वारा ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए कई प्लेटफार्म भी विकसित करने की तैयारी की जा रही है।
गोबर और फसल अवशेषों के उचित दाम प्राप्त हो इसके लिए किसानो और खरीदारों को इस प्लेटफार्म से जोड़ा जायेगा। जिससे किसानो और खरीदारों के बीच कोई अन्य व्यक्ति इनको धोखा नहीं दे पायेगा।
उद्यमियों को बड़े पैमाने पर जैविक खाद बनाने के लिए गांवो को क्लस्टर बनाया जायेगा। क्लस्टर अर्थात एक साथ जोड़ना या एकत्रित करना।
गांवो को क्लस्टर करने से गोबर और ठोस अपशिष्ट बड़ी मात्रा में उद्यमियों को प्राप्त होगा तथा ऐसा करने से एकत्रीकरण और संग्रहण को सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जायेगा।
Gobardhan yojana full form | गोबरधन योजना का पूरा नाम
इस योजना का पूरा नाम गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेस धन ( Galvanizing Organic Bio-Agro Resources Dhan ) – GOBAR Dhan है।
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Gobar dhan yojana की जानकारी
योजना का नाम | गोबरधन योजना |
कब शुरू | 1 फरवरी 2018 |
किसके द्वारा | अरुण जेटली |
मंत्रालय के अंतर्गत | जल शक्ति मंत्रालय |
मंत्रालय के मंत्री | गजेंद्र सिंह शेखावत |
राज्य | हरियाणा |
उद्देश्य | गोबर खाद को बायो गैस और बायो CNG में रूपांतरित करना |
ऑफिसियल वेबसाइट | sbm.gov.in |
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गोबरधन योजना का उद्देश्य
इस योजना को लागु करने का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है।
- गांवो को स्वच्छ बनाना
- ऊर्जा उत्पन्न करना
- आय स्रोत उत्पन्न करना
- कृषि प्रणाली मजबूत बनाना
गांवो को स्वच्छ बनाना
इस योजना में सबसे ज्यादा बल पशुओ के गोबर पर दिया गया है क्योकि पशुओ के गोबर से जितना खेतो में किसानो को फायदा होता था उतना ही गांव गंदे हो जाते थे।
इसलिए सरकार ने इस योजना के द्वारा गोबर का उपयोग ऊर्जा बनाने में करने लगी। जिससे नरेंद्र मोदी जी के द्वारा शुरू किया गया स्वच्छता अभियान को भी बढ़ावा मिलने लगा।
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ऊर्जा उत्पन्न करना
विश्व में अनेको तरीको से ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। जिसमे से भारत सरकार ने गोबर से ऊर्जा बनाने के लिए इस योजना की घोषणा की।
इस योजना में पशुओ के गोबर और अन्य प्रकार के जैविक अपशिष्टों के द्वारा उसे बायो गैस और बायो CNG में रूपांतरित किया जाता है।
आय स्रोत उत्पन्न करना
पिछले कुछ वर्षो से भारत के कृषि क्षेत्र में सतत विकास हो रहा है क्योकि भारत सरकार के द्वारा किसानो को अलग अलग योजना के द्वारा आर्थिक मदद कि जा रही है।
इस योजना के द्वारा भी किसानो को आय के अवसर प्राप्त हुए है क्योकि जब यह योजना लागू नहीं की गयी थी तो किसान पशुओ के गोबर को खाद के रूप में लेते थे और बचे हुए गोबर का कोई उपयोग नहीं होता था।
इस योजना के लागु होने से सरकार इससे संबंधित एक प्लेटफार्म ओपन करने वाली है जिससे किसानो को सीधे खरीदारों से संपर्क करवाया जायेगा जिससे वह पशुओ के गोबर और जैविक अपशिष्टों को उचित दाम पर बेच कर आय का स्रोत बढ़ा सके।
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कृषि प्रणाली मजबूत बनाना
किसानो को सरकार की तरफ से कृषि क्षेत्र में बहुत मदद मिल रही है क्योकि भारत 60%से 70% कृषि पर आधारित है। यदि यही क्षेत्र हमारा मजबूत नहीं होगा तो भारत की आर्थिक स्तिथि में बदलाव नहीं आ पायेगा।
सरकार इस योजना से लोगो को प्रेरित करती है की वह स्वयं खाद का निर्माण करे जिससे जो खेती होगी वह जैविक खेती कहलएगी। यदि उनके खेती में जो उत्पादन होगा उसमे रसायनो की मात्रा कम होगी तो बाजार में भारत की फसलों की मांग बढ़ेगी।
गोबरधन योजना का लाभ
गोबरधन योजना के लाभ निम्नलिखित है।
- इस योजना के लागु होने से ग्रामीण इलाको के ढाँचे में परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
- इस योजना के तहत गोबर को बायो गैस में रूपांतरित किया जाता है। जिससे बायो गैस के द्वारा बिजली का उत्पादन किया जाता है।
- इस योजना में अपशिष्ट पदार्थो एवं कचरो का इस्तेमाल करके उसे बायो गैस और बायो CNG में रूपांतरित किया जाता है। ऐसा करने से स्वच्छता अभियान को भी बढ़ावा मिल रहा है।
- इस योजना के आने से लोगो में पशुपालन के कारोबार में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
- योजना के तहत पशुओ के गोबर, अपशिष्ट एवं कचरो का उपयोग किया जाने लगा जिससे प्रदूषण में भी कमी देखने को मिल रही है।
- बायो गैस या बायो CNG के उत्पादन से बिजली का निर्माण किया जा रहा है जिससे पेट्रोलियम जैसे पदार्थो के विकल्प में वृद्धि देखने को मिल रही है।
- अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO – International Labour Organization ) के रिपोर्ट के अनुसार गोबर का प्रोडक्टिव तरीके से उपयोग करने पर National level पर लगभग 15 लाख रोजगारो का सृजन हुआ है।
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गोबरधन योजना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन | गोबर धन योजना एप्लीकेशन फॉर्म
इस योजना में आप निम्नलिखित steps को follow करके ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।
- इस योजना में ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको इस योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा।
- ऑफिसियल वेबसाइट पर क्लिक करने के बाद उसका होम पेज खुल जायेगा।
- होम पेज खुलते ही वहां click here to registration पर क्लिक करना होगा।
- click here to registration पर क्लिक करने के बाद आपका दूसरा पेज open हो जायेगा जिसमे आपको इस योजना से संबंधित सभी जानकारी पूछी गयी होगी।
- इस योजना के लिए आपको आपका नाम, mobile नंबर, email id, username, password और कैप्चा डालकर send OTP पर click करना पड़ेगा।
- सभी जानकारी को सही से भरने के पश्चात् आपका गोबरधन योजना में registration हो जायेगा।
- इस तरह आप उपर्युक्त steps को follow करके online registration कर सकते है।
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गोबरधन योजना 2023 में वृद्धि
यह योजना 1 फरवरी 2018 को अरुण जेटली जी के द्वारा शुरू की गयी थी परन्तु इस योजना पर कार्य तीव्रता से नहीं हो रहा था।
वर्ष 2023 में इस योजना पर अधिक तेजी से कार्य किया जाने लगा क्योकि पुरे विश्व में पशु जनसंख्या के मामले में भारत सबसे आगे है। साथ ही यह योजना पशुओ से संबंधित है।
रिपोर्ट के अनुसार 19वी पशुधन जनगणना ( वर्ष 2012 ) के द्वारा भारत में 300 मिलियन पशु आबादी से प्रतिदिन 30 लाख टन गोबर प्राप्त होता है।
जिससे भारत गोबर को धन एवं ऊर्जा में बदलकर लाभ प्राप्त करने के लिए 2023 से इस कार्य में वृद्धि की जा रही है। जिससे भारत की बिजली की समस्या किया जा सके साथ ही पेट्रोलियम के लिए विकल्प भी तैयार हो जायेगे।
इस योजना को स्वच्छ भारत मिशन के तहत मार्गदर्शन देकर सफल होने के लिए सक्षम बनाया जा रहा है।
गोबरधन योजना से जुड़े सवाल जवाब
गोबरधन योजना कब शुरू हुई?
यह योजना 1 फरवरी 2018 को अरुण जेटली जी के द्वारा शुरू की गई।
गोबरधन योजना किस मंत्रालय ने शुरू की?
यह योजना जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा शुरू किया गया है जिसके मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत है।
गोबर से क्या बनाया जा सकता है?
गोबर यह सबसे ज्यादा खेती में उपयोगी होता है जिससे गोबर से खाद, बायो गैस, बायो CNG और कंडे बनाये जा सकते है।
गोबरधन योजना किस राज्य ने लागु की?
यह योजना हरियाणा राज्य के द्वारा शुरू किया गया है।
गोबर कैसे बेचे?
गोबर को हम अपने क्षेत्र के खाद व्यापारियों को बेच सकते है या फिर आप ऑनलाइन स्वयं की वेबसाइट बनाकर उस पर गोबर को बेच सकते है।