वास्तव में ! नीम वरदान है, किसान फसल में डालने पर होंगे ये फायदे 

नीम भारतीय मूल का वृक्ष है और उसका तेल कीटों को नियंत्रित करने में मदद करता है।

नीम की निम्बोली से बना तेल पौधों में लगने वाले कीटों और रोगों को मारता है, जैसे कि सुंडी को रोकता है।

नीम के तेल से बने जैविक कीटनाशक से बागवानी में कीटों का प्रबंधन किया जा सकता है।

नीम के बीज और निम्बोली से किसान आसानी से जैविक कीटनाशक तैयार कर सकते हैं।

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गर्मियों में नीम के पेड़ से निम्बोंली की इकट्ठा करके जैविक कीटनाशक बना सकते हैं।

जैविक कीटनाशक तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री में निम्बोली, गुनगुना पानी, तरल डिटर्जेंट, और सूती कपड़ा शामिल होते हैं।

गन्ने की फसल में चूना का प्रयोग करके मिट्टी के PH मान और पोषण तत्वों में सुधार किया जा सकता है।

नीम की निम्बोली का पाउडर गुनगुने पानी में मिलाकर घोल तैयार किया जाता है, जिसे रात भर के लिए रखा जाता है।

घोल को सूती कपड़े से छानकर तरल डिटर्जेंट मिलाया जाता है और फिर और पानी मिलाकर स्प्रे सॉल्यूशन तैयार किया जाता है।

जैविक कीटनाशक तैयार करते समय उचित ध्यान देने से बेहतर परिणाम मिलते हैं, और इससे पौधों की सेहत भी बनी रहती है।

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