खेती में चूने का उपयोग
करने से क्या होगा?
चूना मिट्टी को
कैल्शियम
,
पोटेशियम
और
मैग्नीशियम
का स्रोत प्रदान करता है।
मिट्टी में क्षारीय तत्वों की कमी से उत्पन्न
अम्लीय मिट्टी का पीएच मान कम हो सकता है,
जिससे फसलों का उपजाऊपन कम हो सकता है।
चूना का प्रयोग करके मिट्टी के पीएच मान में सुधार
किया जा सकता है और फसल की पैदावार बढ़ सकती है।
मिट्टी का पीएच मान 5.5
से कम होने पर ही चूना का प्रयोग किया जा सकता है।
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चूना खेत की
मिट्टी में खाद के साथ मिलाकर,
बुआई से पहले या खेत तैयारी के समय डाला जा सकता है।
चूना
पेड़ों और पौधों पर कोई बड़ा दूष्प्रभाव नहीं डालता है
, बल्कि पौधों की सुरक्षा और पैदावार में सुधार करता है।
गन्ने की फसल में चूना का प्रयोग करके मिट्टी के
PH मान और पोषण तत्वों में सुधार किया
जा सकता है।
चूना का प्रयोग
अनाज, दलहन, तिलहन, सब्जियों, फलदार पौधों, और गन्ने की फसल
में किया जा सकता है।
सही तरीके से चूना का प्रयोग करने से
पौधों के विकास को सुरक्षित बनाने में मदद
होती है।
चूना का प्रयोग करते समय
मिट्टी की जांच करवानी
और
अधिक मात्रा में नहीं करने की सावधानी बरतनी
चाहिए।
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