टमाटर खेती में होने वाले रोगों के उपाय | झुलसा रोग नियंत्रण
इस आर्टिकल में टमाटर खेती, टमाटर की खेती लगने वाले रोग, रोगों के नाम, काले धब्बे का रोग, उसके उपाय, पत्तियों का रोग, उसके उपाय, फलो का फटना, उसके उपाय, फूल का गिरना, उसके उपाय, झुलसा रोग, उसके उपाय (Diseases in tomato cultivation, remedies for diseases) के बारे में जानेंगे
यदि हम टमाटर की खेती कर रहे है तो उस खेती में रोगों का लगना यह आम बात है क्योकि सभी खेती में किसी न किसी प्रकार के रोग लगते है।
कई बार कुछ रोगो के बारे में हमारे पास जानकारी नहीं होती है। जिससे कई बार हमारी पूरी फसल बर्बाद हो जाती है और हमें काफी ज्यादा नुकसान हो जाता है।
इसलिए आज हम ऐसे ही एक फसल के रोगो के बारे में आपको संपूर्ण जानकारी अपने इस आर्टिकल में बतायेगे और जिसका नाम है टमाटर की खेती में लगने वाले रोग।
टमाटर का भाव दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। इसका मुख्य कारण हो सकता है की या तो टमाटर की पैदावार कम हो रही है या तो टमाटर को संग्रह करके रखा जा रहा है।
टमाटर खेती में लगने वाले रोग ( Tomato diseases )
टमाटर में जो रोग लगते है वह ज्यादातर सर्दियों के मौसम में लगता है। यदि टमाटर खेती में एकबार रोग लग जाये और उस रोग का उपाय न किया जाये तो पूरी खेती बर्बाद हो जाएगी।
जिससे टमाटर खेती करने वाले को भी आर्थिक एवं मानसिक रूप से नुकसान होता है। साथ ही साथ खेती करते समय लगने वाली मेहनत का भी कोई फल नहीं मिलता है।
टमाटर में लगने वाले रोगो के नाम ( Tomato diseases name )
- टमाटर में काले धब्बे का रोग
- टमाटर में पत्तियों का रोग
- टमाटर में फलो का फटना
- टमाटर में फूलो का गिरना
- टमाटर में झुलसा रोग
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टमाटर में काले धब्बे का रोग ( Black spot diseases in tomato )
टमाटर में काले धब्बे का रोग अधिकतर ठंडी के मौसम में लगते है। क्योकि जब ज्यादा ठंडी या सर्दीयो के मौसम में बारिश होती है तब टमाटर की पत्तिया और टमाटर दोनों ठंडी से प्रभावित हो जाते है।
जिसके कारण उन पर धीरे धीरे काले धब्बे होने लगते है। शुरुआत में यह धब्बे एकदम छोटे छोटे दाने के जैसे होते है। परन्तु बाद में पुरे टमाटर पर काले धब्बे हो जाते है।
सारे टमाटर ख़राब होने लगते है और टमाटर की खेती करने वाले को भारी नुकसान हो जाता है।
काले धब्बे के रोग का उपाय ( Remedy for black spot )
यदि टमाटर को काले धब्बे के रोग से बचाना चाहते हो तो ठंडी के मौसम में जब बादल दिखाई देने लगे अर्थात कोहरा साफ हो जाये तब आपको टमाटर की खेती पर अमिस्टार, मेरीवान, या कस्टोडिया जो कि कवक नाशक दवा है।
इन दवाओं का छिड़काव करना चाहिए। जिससे टमाटर पर काले धब्बे के रोग पर नियंत्रण रखा जा सकता है।
टमाटर में पत्तियों का रोग ( Foliar diseases in tomato )
टमाटर में पत्तियों का रोग तब दिखाई देता है। जब मौसम अधिक ठंडा हो। रात के साथ साथ दिन में भी ठंडी लगने लगी हो। जिससे हमारा वातावरण ठंडा हो जाता है।
जिससे अधिक नमी होने के कारण टमाटर की पत्तियों में रोग दिखाई देने लगता है। पत्तियों पर काले या भूरे रंग के दाग दिखाई देने लगते है।
पत्तियां सिकुड़ जाती है। जिससे पत्तियां प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया नहीं कर पाती और अंत में टमाटर का पौधा सुख जाता है।
पत्तियों के रोग का उपाय ( Remedy for foliar diseases )
जब टमाटर में पत्तियों का रोग लगे तो उस रोग पर नियंत्रण पाने के लिए आपको 10 से 12 दिन के अंतर पर कवक नाशक या फफूंद नाशक दवा का छिड़काव करना चाहिए।
कवक या फफूंद नाशक दवा को 12ml दवा 12 लीटर पानी में घोल कर टमाटर के पत्तियों पर छिड़काव करना चाहिए। जिससे पत्तियों के रोगो पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
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टमाटर में फलो का फटना
टमाटर की खेती में टमाटर इसलिए फटते है क्योकि टमाटर की खेती नमी ज्यादा होती है। कई बार सिंचाई में अनियमितता होती है।
सिंचाई में अनियमितता अर्थात सिंचाई नियमित रूप से न हो तो पौधो को ज्यादा धुप लग जाने के कारण भी टमाटर फट जाते है। या फिर मिट्टी में पोषक तत्व की कमी के कारण भी टमाटर फटने लगते है।
जिससे सारे टमाटर फट कर ख़राब होने लगते है।
फल को फटने से रोकने का उपाय ( Remedy to prevent fruit cracking )
टमाटर की खेती में टमाटर फटने के रोग पर नियंत्रण पाने के लिए आपको सिंचाई नियमित रूप से करना है। परन्तु सिंचाई करते समय ध्यान रखे की ज्यादा पानी तो खेत में नहीं हो रहा।
उसके बाद बोरॉन नामक पोषक तत्व को 20 ग्राम को 10 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करे या 400 से 500 ग्राम प्रति एकड़ पानी में मिलाकर छिड़काव करे।
इसके छिड़काव के 5 दिन बाद कैल्शियम नाइट्रेट का भी छिड़काव कर सकते है।
टमाटर में फूलों का गिरना ( Flower drop in tomato )
टमाटर की खेती में फूलो का गिरना यह काफी गंभीर समस्या है। क्योकि जितने अधिक फूल पौधे में रहते है उतने अधिक फल आने की संभावना होती है।
परन्तु पौधे में से फूल ही गिरने लगे तो टमाटर की खेती के उत्पादन में कमी दिखने लगेगी। जो की किसानो के लिए बहुत ही नुकसान दायक बात होगी।
टमाटर की खेती में फूल इसलिए गिरते है क्योकि जमीन में पोषक तत्व की कमी आ जाती है या तो खेत में रासायनिक तत्व का छिड़काव अधिक मात्रा में हो जाये।
कई बार मौसम में परिवर्तन होने की वजह से भी टमाटर के फूल के गिरने की समस्या देखने को मिलती है।
फूलो को गिरने से रोकने का उपाय ( Stop from flower falling )
यदि टमाटर के फूलो को गिरने से रोकना है तो आपको जमीन ( मिट्टी ) में पोषकोतत्वो की कमी होने से रोकना होगा। पोषकतत्व की कमी न हो इसके लिए आपको उन्हे जमीन में पहुंचाते रहना होगा।
रासायनिक तत्वों के छिड़काव में कमी लाने पर भी फूलो के गिरने में कमी आती है। साथ ही नाइट्रोजन का उपोग भी कम करना चाहिए।
यदि मौसम के कारण फूल गिरते है तो मौसम के अनुसार उसका उपाय करना होगा। जैसे ज्यादा गर्मी पड़ने पर खेत में पानी की मात्रा को बढ़ाना चाहिए।
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टमाटर में झुलसा रोग ( Tomato scorched )
टमाटर में झुलसा रोग यह मौसम में परिवर्तन के कारण होता है। क्योकि झुलसा रोग यह ज्यादा धुप लगने पर या ज्यादा नमी हो तब पौधो में लगते है।
शुरुआत में यह पौधे के निचले भाग की पत्तियों पर लगते है। पत्तियाँ काली पड़ने लगती है परन्तु धीरे धीरे पूरी फसल को संक्रमित कर देती है।
जिससे पुरे टमाटर में झुलसा रोग लग जाते है और पूरी खेती बर्बाद हो जाती है। जिसके कारण किसानो को टमाटर की खेती में काफी ज्यादा नुकसान हो जाता है।
झुलसा रोग का उपाय ( Remedy for scorched )
झुलसा रोग यह कवक ( फफूंद ) के कारण होता है तो इसके नियंत्रण के लिए आपको कवक नाशक दवा का छिड़काव करना होगा।
यदि रोग गर्मी के मौसम में लगे तो हर 1 दिन के अंतर में आपको सिंचाई करते रहना होगा। महीने में कम से कम 1 बार मेरिवान या लूना एक्सपीरियंस को पानी में मिलाकर छिड़काव करना होगा।