ऑर्गेनिक खेती क्या होती है | ऑर्गेनिक या जैविक खेती के फायदे
इस आर्टिकल में ऑर्गेनिक खेती क्या है, कैसे करे, क्यों करे, कब करे , फायदे, महंगी सब्जियाँ, सरकार की तरफ से मदद के बारे में जानेगे। (organic kheti kya hai, organic kheti kaise hoti hai, organic kheti ke fayde aur nukshan or organic farming in hindi)
ऑर्गेनिक खेती की बात करे तो यह वो खेती है जिसमे रासायनिक खाद्य, कीटनाशक दवा का उपयोग नहीं किया जाता। इसमें जैविक खाद्य का उपयोग करके खेती की जाती है परंतु इस खेती में उत्पादन प्रक्रिया थोड़ी धीरे होती है।
आज के समय में सब कुछ जल्दी मिले ऐसी सब की इच्छा होती हैं। बढ़ती जनसंख्या के कारण सभी लोग कम समय में ज्यादा उत्पादन हो ऐसी पद्धति का उपयोग करते है।
जिसके कारण कोई भी छोटी चीज से लेकर बड़ी चीज तक हर जगह रसायनों का उपयोग हो रहा है। जो हमारे स्वास्थ्य और वातावरण के लिए हानिकारक है।
देखा जाय तो ऑर्गेनिक खेती को बहुत कम लोग ही करते है। अधिकतर लोग इनऑर्गेनिक खेती को ही बढ़ावा दे रहे है। जिसका असर सबसे ज्यादा लोगो के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
ऑर्गेनिक खेती क्या है | What is Organic farming
ऑर्गेनिक खेती यह इस प्रकार की खेती है जिसमे रसायनों का उपयोग बिल्कुल नहीं होता है। इस खेती के द्वारा जो भी उगाया जाता हैं वह स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है।
फल, सब्जी या कुछ भी ऑर्गेनिक खेती की मदद से करते है। तो वह हमारे लिए हानिकारक नहीं होगी। ऑर्गेनिक खेती को जैविक खेती के रूप में भी जाना जाता है।
इस प्रकार की खेती यदि की जाये तो यह लोगो के स्वास्थ्य के साथ साथ वातावरण, प्रकृति, जमीन आदि के लिए फायदेमंद होगा।
और पढ़े : इलायची की खेती कैसे करे | इलायची की खेती से कमाये लाखो रूपए
ऑर्गेनिक खेती क्यों जरुरी है | Importance of Organic Farming
आज कल लोगों को कम समय में ज्यादा मुनाफा चाहिए। जिससे सभी की यही इच्छा होती है कि किस तरह से काम किया जाये की वह जल्दी से जल्दी हो जाये और उसका परिणाम भी अच्छा हो।
आज के समय में सभी क्षेत्रों में लोगो का मानना ऐसा हो गया है की मेहनत कम लगे और फायदा ज्यादा हो। उसी प्रकार किसानो की भी ऐसी ही विचारधारा बनती जा रही है कि जितनी जल्दी फसल तैयार होगी उतनी ही जल्दी उन्हे उसका मुनाफा मिलेगा।
ऑर्गेनिक या जैविक खेती कैसे करें | How to do Organic farming
हम जिस भी फसल का उत्पादन करते है तो उसमें शुरुआत में जमीन समतल करते है, मिट्टी को ऊपजाऊ बनाते है, सिंचाई करते हैं।
बुवाई करने के बाद जब खाद के उपयोग का समय आता है तब हमें वहाँ रसायनिक खाद के बदले में आर्गेनिक खाद (गोबर की खाद, कंपोस्ट, सड़ी हुई लकड़ियाँ, पत्ते) आदि का उपयोग करना चाहिए।
जिससे हमने जिस फसल का उत्पादन किया होगा उसमें रासायनिक तत्व न के बराबर या फिर नहीं होंगे। जिससे वह फसल हमारा ऑर्गेनिक कहलायेगा।
रासायनिक खाद का उपयोग करने से फसल की उत्पादन तो बढ़ जाती है लेकिन भूमि की उपजाऊ शक्ति निरंतर घट रही होती है जिससे आगे चलकर फसल को कई प्रकार की बिमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
वही किसी भी प्रकार की खेती में आर्गेनिक खाद का उपयोग करने से शुरुआत में तो थोड़ी कम उत्पादन देखने को मिलती है परन्तु आगे चलकर भूमि की उपजावुता बढ़ती है। जिससे आगे आने वाले समयों में फसल की उत्पादन भी बढ़ती है और फसल में पोषक तत्वों की मात्रा भी भरपूर रहती है।
आर्गेनिक खेती को मुख्य तीन स्टेप्स में किया जाता है। तीनो स्टेप्स Organic Farming के लिए बहुत महत्वपूर्ण है
- मिट्टी की जाँच : किसी भी फसल की आर्गेनिक खेती करने से पहले खेत की मिट्टी की जाँच जरूर करा लेनी चाहिए जो की आपके एरिया में उपस्तिथ सरकारी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी तथा प्रयोगशाला में आसानी से हो जाता है। वही मिट्टी की जाँच करने से खेत में रहे पोषक तत्वों की कमी के बारे में पता चल जाता है जिससे खाद को चुनने में आसानी होती है।
- जैविक खाद : जैविक खाद का मतलब ऐसी खाद से है, जो पशु मल-मूत्र अर्थात गोबर तथा फसलों के अवशेष से बनायीं जाती है। आप वेस्ट डिस्पोजर की सहायता से ऑर्गेनिक खाद 3 से 6 माह में तैयार कर सकते है।
- जैविक खेती : जैविक खेती की प्रक्रिया सामान्य खेती की प्रक्रिया जैसी ही होती है बस इसमें रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग निरंतर समय अंतराल में होता है।
तो इस प्रकार से ऑर्गेनिक खेती की जाती है। जिससे हमरे स्वास्थ्य को साथ ही साथ वातावरण को कोई हानि नहीं पहुँचती है।
ऑर्गेनिक या जैविक खेती करने के फायदे | Benefits of Organic farming
- यदि हम ऑर्गेनिक खेती करते है तो रासायनिक खाद्य का उपयोग कम होगा जिससे हमारी मिट्टी की उर्वराशक्ति ( उपजाऊ शक्ति ) में वृद्धि होगी।
- फसलों में रसायनो का उपयोग न करने से फसलों में जो पोषक तत्व होता है उससे हमारे स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होता है।
- ऑर्गेनिक खेती करने से हमारे वातावरण को भी कोई हानि नहीं पहुँचती है।
- ऑर्गेनिक खेती में केमिकल्स की जगह कचरो से जो खाद्य तैयार होती है उनका उपयोग किया जाये तोप्रदुषण भी कम हो जायेगा।
- ऑर्गेनिक फल, सब्जियाँ, अनाज आदि की मांग बढ़ेगी तो किसानो को भी इसका फायदा मिलेगा।
- लोगो के स्वास्थ्य पर ऑर्गेनिक खेती का अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
ऑर्गेनिक खेती की महँगी सब्जियाँ और फल | Expensive vegetables and fruits of Organic farming
रसायनो की मदद से जो सब्जियाँ और फल तैयार होते है उनके मुकाबले ऑर्गेनिक खेती से जो फल या सब्जियाँ तैयार होते है वो बाजार में ज्यादा महँगे बिकते है।
जैसे की यदि मटर 20 रूपए से 25 रूपए में बेचे जाते है तो वही ऑर्गेनिक खेती से तैयार हुआ मटर 80 रूपए से 100 रूपए किलो बेचा जायेगा।
इसी तरह रासायनिक खेती कीजगह पे ऑर्गेनिक खेती से तैयार हुए सरे फल, सब्जियाँ दुगने भाव पर बिकते हैं। क्योकि यह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है।
आज के समय जीवन सब कुछ है ऐसा मानकर लोग ऑर्गेनिक सब्जियाँ, फलो माँग दिन प्रतिदिन बढ़ा रहे है।
और पढ़े : हाइड्रोपोनिक खेती क्या है ?
भारत में जैविक खेती करने वाले राज्य
भारत में जैविक खेती करने वाले राज्यों की लिस्ट निचे बताये अनुसार है।
- सिक्किम
- महाराष्ट्र
- उत्तर प्रदेश
- मध्य प्रदेश
- छत्तीसगढ़, वगेरे।
जैविक खेती के लिए लोगों को सरकार की तरफ से मदद | Government schemes for Organic Farming
किसानों को सरकार अलग अलग तरीके से मदद करती है जैसे की कृषि के लिए नई नई योजना बनाना, किसी भी नई जानकारी को वेबसाइट, वीडियो, या ऑडियो माध्यम से किसानो तक पहुँचना।
सरकार के द्वारा किसानो को खेती कि नई नई पद्धतियाँ सिखायी जाती है। नये नये परीक्षण करके दिखाए जाते है। जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो।
यदि इंटरनेट की सुविधा से किआनो को मदद नहीं हो रही तो उनके गाँव या शहर में फसलों से या कृषि से संबंधित जानकारी सरलता से प्राप्त हो जाये इसलिए प्रशिक्षण केंद्र खुलवाये जा रहे है।
यदि आर्थिक समस्या हो तो सरकार द्वारा किसानो को कृषि ऋण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे किसान ऋण लेकर खरति करे और किस्तों के रूप में ऋण के रूपए धीरे धीरे चुकाये।