लीची की खेती से बनिये लखपति | जानिए लीची की खेती कैसे करे
इस आर्टिकल में लीची की खेती, लीची की खेती कैसे करे, लीची की खेती कब करें, लीची की खेती किस महीने में करे, लीची की खेती किस मिट्टी में करे, लीची की अच्छी किस्मे, लीची की खेती से होने वाली कमाई, लीची की खेती करते समय ध्यान में रखने योग्य बाते आदि के बारे में जानेंगे।
लीची का उत्पादन अपने आप में ही खास है। क्योकि लीची का आकर जितना छोटा होता है। उसका रस उतना ही मीठा होता है। लीची अपने स्वाद, रंग तथा गुणवत्ता में ही विशिष्ट है।
पुरे विश्व में सबसे ज्यादा लीची चीन में तथा उसके बाद भारत में उत्पादित की जाती है। भारत में भी सबसे ज्यादा लीची बिहार में उत्पादित की जाती है।
लीची जैसे फल में स्वाद के साथ साथ कैल्शियम, विटामिन, मैग्नेशियम जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते है। लीची जैसे फल को बड़े बुजुर्गो से लेकर बच्चो तक पसंद करते है।
इसलिए आज हम आपको बतायेगे की लीची की खेती किस प्रकार करे तथा उसमे लगने वाली लागत तथा मुनाफे की जानकारी प्राप्त करे।
लीची की खेती कैसे करे ? ( How to cultivate lychee )
- लीची की खेती करने के लिए आपने जो जगह चुनी है वहा पर थोड़ी थोड़ी दूर पर खड्डे खोद लेने है।
- क्योकि लीची के पेड़ ना ज्यादा छोटे होते है और न ही ज्यादा बड़े होते है।
- इसलिए गड्डो के बीच में इस तरह दुरी रखे की दो पेड़ो के बिच में में बराबर अंतर हो।
- गड्डो को खोदते समय जो मिट्टी निकली है उसमे आपको 20-30 ग्राम फ्युराडान और क्लोरपाइरीफॉस रासानिक खाद मिलानी है।
- गड्डे में आपको 3-4 टोकरी गोबर की खाद, सूखे पत्ते आदि को डालना है।
- रासायनिक खाद से मिली हुई मिट्टी एवं गोबर की खाद से तैयार हई मिट्टी को मिक्स कर लेना है और गड्डा बंद कर देना है।
- 2 से 3 दिन बाद आपको उसी जगह फिर से एक छोटा गड्डा बनाना है और उसके आजु -बाजू एक कियारी बना लेनी है।
- छोटे गड्ढे में आपको लीची का रोप लगा देना है और समय समय पर उस रोप को पानी एवं रसायन देते रहना है।
- इस तरह लीची का पौधा तैयार होगा।
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लीची की खेती किस महीने में होती है ? ( In which month lychee is cultivated ? )
लीची की खेती करने के लिए हमें ऐसे वातावरण की आवश्यकता होती है जिसमे ज्यादा गर्मी का मौसम न हो। लीची का रोप हमें जून महीने से सितंबर महीने के बीच कभी भी लगाना चाहिए।
क्योकि मार्च-अप्रैल महीने में लीची के पेड़ में फल आने लगते है और जनवरी-फरवरी महीने में लीची के पेड़ में फूल आने लगते है। इसलिए जून से सितंबर का महीना लीची की खेती के लिए उचित माना जाता है।
लीची की खेती किस मिट्टी में करनी चाहिए ? ( In which soil lychee should be cultivated ? )
लीची की खेती करने के लिए हमें इस प्रकार की मिट्टी का चयन करना चाहिए जो बलुई और दोमट वाली हो। लीची के उत्पादन के लिए लेटराइट और अम्लीय जमीन अच्छी होती है।
लीची की खेती के लिए 5 से 7.5 PH वाली मिट्टी अच्छी मानी जाती है। लीची के लिए ऐसी मिट्टी चुननी चाहिए जो पानी को संग्रह न कर सके। बल्कि वहा हमेशा पानी की निकासी होती रहे।
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अच्छी किस्म की लीची ( Good quality of lychee )
- शाही
- चाइना
- त्रिकोलिया
- स्वर्णरूपा
- ग्रीन
- अझौली
- कलकतिया
लीची की खेती की कमाई ( Income from lychee farming )
लीची का पेड़ जब तैयार हो जाता है तब उसमे फल आ जाते है। तो वह फल मई से जून महीने में अच्छे से पक जाते है। तब वह फल खाने के लिए या बाजार में बेचने के लिए तैयार हो जाते है।
जब फल पक जाते है तो वह बाहर से हल्की गुलाबी रंग में दिखने लगते है। लीची के 150 पौधे 1 हेक्टर में आराम से लगाये जा सकते है। यदि लीची अच्छे से विकसित हुई हो तो 100 kg तक फल प्राप्त हो सकते है।
लीची का फल 60 रूपए से 80 रूपए प्रतिकिलो बेचा जाता है। जिससे आप 7 से 10 लाख रूपए आराम से कमा सकते है। इसलिए जितनी ज्यादा लीची की खेती करेंगे उतना ज्यादा उसमे से लागत मिलेगी।
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लीची की खेती में ध्यान में रखने योग्य बाते ( Thing to keep in mind in lychee cultivation )
लीची की खेती करते समय निम्नलिखित बातो को ध्यान में रखना चाहिए।
- लीची का रोप लगते समय यह ध्यान रखे की यह रोप 1.5 से 2 साल पुराना हो।
- लीची का रोप लगाने के बाद नियमित रूप से सिंचाई करनी चाहिए।
- जैसे जैसे पौधा बड़ा हो वैसे वैसे उसकी छटाई, कटाई तथा पोषक तत्व देते रहना चाहिए।
- सिंचाई के बाद ध्यान दे की पानी का संग्रह तो नहीं हो रहा है।
- यदि पौधे में कोई रोग या जंतु लगे तो कीटनाशक दवा या किसी विशेषज्ञ से सलाह लेकर उसका उपाय करे।
- लीची के पौधे की देख रेख अच्छी तरह करनी चाहिए।
- लीची के पौधे को हप्ते में 2 बार सिंचाई करना चाहिए।
- लीची के पेड़ में जब फूल आने लगे तब उसमे सिंचाई बंद कर देना है।